वह औरत रोज़ उस नौजवान को देखती लेकिन ......
वह औरत रोज़ उस नौजवान को देखती लेकिन वह बगैर उसकी तरफ देखे सर झुका कर उसकी गली से गुजर जाता ...
देखने में वह किसी दिनी मदरसे का स्टूडेंट लगता था लेकिन इतना खूबसूरत था कि वह देखते ही उसे अपना दिल दे बैठी और अब चाहती थी कि वह किसी तरह उस पर नजरे ईल्तीफात करे....
लेकिन वह अपनी मस्ती में मगन सर झुकाए जबान से कुछ पड़ता हुआ रोजाना एक खास वक्त मैं वहां से गुजरता और कभी आंख उठाकर भी न देखता..
उस औरत को अब ज़िद सी हो गई थी वह हैरान थी कि कोई ऐसा नोजवान भी हो सकता है जो उसकी तरफ न देखे .....और उसे ऐसा सोचने का हक भी था वह अपने इलाके की सबसे अमीर और खूबसूरत औरत थी खूबसूरत इतनी कि जब वह बाहर निकलती तो लोग उसे बे इख़्तियार देखने पर मजबूर हो जाते उसे हैरत थी के जिस की खूबसूरती को देखने के लिए लोग तरसते हैं वह खुद किसी को पसंद करें और वह माइल ना हो उसकी तरफ देखना गवारा न करें .....
अपनी अना की शिकस्त और खूबसूरती की तोहीन पर वह पागल हो गई ....और कोई ऐसा मंसूबा सोचने लगी जिससे वह उस नौजवान को हासिल कर सके और उसका गुरूर तोड़ सके .....
आखिरकार शैतान ने उसे एक ऐसा तरीका समझा दिया जिस में फँसकर वह नौजवान उसकी बात माने बिना रह ही नहीं सकता था .
अगले दिन जब वह नौजवान उस गली से गुजर रहा था तो एक औरत उसके करीब आई और
कहने लगी. .बेटा..!! मेरी मालकिन तुम्हें बुला रही है नौजवान ने कहा अम्मा जी आपकी मालकीन को मुझसे क्या काम है उस औरत ने कहा बेटा उसको तुमसे कोई मसला पूछना है वह मजबूर है खुद बाहर नहीं आ सकती..
नौजवान उस औरत के साथ चला गया उसके वहमो गुमान में भी नहीं था कि जो औरत उसे बुला रही है उसका मनसूबा क्या है वह क्या चाहती है ...
वह तो अपनी फितरती सादा दिली की वजह से उसकी मदद करने के लिए उसके घर आ गया उसके जहन में था कि शायद कोई बूढी औरत है जो अपनी किसी मजबूरी की वजह से बाहर आने से कासिर हे नौकरानी ने उसे एक कमरे में बिठाया और इंतजार करने का कह कर चली गई.
थोड़ी देर बाद कमरे में वही औरत दाखिल हुई नौजवान ने बे इफ्तियार अपनी नजरें झुका ली क्योंकि अंदर आने वाली औरत बहुत खूबसूरत थी नौजवान ने पूछा जी बीबी आपको कौन सा मसला पूछना है ..??
औरत के चेहरे पर एक शेतानी मुस्कुराहट आ गई उसने अपने दिल का हाल खोल कर रख दिया और कहा कि मेरी सबसे बड़ी ख्वाहिश है कि मैं एक दफा तुम्हें हासिल कर लूं ......
जवान यह बात सुनकर कांप आया और कहने लगा अल्लाह की बंदी ..!! अल्लाह से डरो ....!!
क्यों गुनाह की तरफ माइल हो रही हो उसने औरत को बहुत समझाया लेकिन औरत पर तो शैतान सवार था उसने कहा कि या तो तुम मेरी ख्वाहिश पूरी करोगे या फिर मैं शोर मचाऊंगी कि तुम जबरदस्ती मेरे घर में दाखिल हुए और मेरी इज्जत पर हमला किया...!!
नौजवान यह सुनकर बहुत परेशान हुआ उसे अपनी इज्जत किसी भी तरह महफूज नजर नहीं आ रही थी उसकी बात मानता तो गुनाहगार होता ना मानता तो लोगों की नजर में बुरा बनता...... वह इलाका जहां लोग उसकी शराफत की मिसालें दिया करते थे वहां पर उस पर इस किस्म का इल्जाम लग जाए यह उसे गवारा नहीं था वह अजीब मुसीबत में फस गया था दिल ही दिल में वह अपने अल्लाह की तरफ मुतवज्जे हुआ और अल्लाह से मदद चाही .....
तो उसके जेहन में एक तरकीब आ गई उसने औरत से कहा ठीक है मैं तुम्हारी ख्वाहिश पूरी करने के लिए तैयार हूं लेकिन पहले मुझे बेतूल ख़ला जाने की हाजत है .
.
औरत ने उसे बेतुल खला बता दिया उस नौजवान ने अंदर जाकर ढेर सारी गलाज़त(गंदगी) अपने जिस्म पर मल ली और बाहर आ गया औरत उसे देखते ही चिल्ला उठी यह तुमने क्या किया जालीम ....!! मुझ जैसी नफीस तबीयत वाली के सामने इतनी गंदी हालत में आ गए दफा हो जाओ..... निकल जाओ मेरे घर से. .!!
नौजवान फौरन उसके घर से निकल गया और करीब ही एक नहर पर अपने आप को और अपने कपड़ों को अच्छी तरह पाक किया और अल्लाह का शुक्र अदा करता हुआ वापस मदरसे चला गया...
नमाज के बाद वह जब सबक में बैठा तो थोड़ी देर बाद उस्ताद ने कहा कि आज तो बहुत प्यारी खुशबू आ रही है किस तालीब ईल्म ने खुशबू लगाई है वह नौजवान समझ गया कि उसके जिस्म से अभी बदबू गई नहीं और उस्ताद जी तंज़ कर रहे हैं वह अपने आप में सिमट गया और उसकी आंखों में आंसू आ गए ....
थोड़ी देर बाद उस्ताद जी ने फिर पूछा कि यह खुशबू किसने लगाई है ...??
लेकिन वह खामोश रहा आखिरकार उस्ताद ने सबको एक-एक करके बुलाया और खुशबू सुँघने लगे ...
उस नौजवान की बारी आई तो वह भी सर झुकाकर उस्ताद के सामने खड़ा हो गया उस्ताद ने उसके कपड़ो को सुँघा तो वह खुशबू उसके कपड़ो से आ रही थी उस्ताद ने कहा कि तुम बता क्यों नहीं बता रहे थे कि यह खुशबू तुमने लगाई है....
नौजवान रो पड़ा और कहने लगा उस्ताद जी अब और शर्मिंदा न करें मुझे पता है मेरे कपड़ों से बदबू आ रही है लेकिन मैं मजबूर था और उसने सारा वाकिया उस्ताद को सुनाया ...!!
उस्ताद ने कहा कि मैं तुम्हारा मजाक नहीं उड़ा रहा खुदा की कसम ...!! तुम्हारे कपड़ो से वाकई ऐसी खुशबू आ रही है जो मैंने आज से पहले कभी नहीं सुँघी और यकीनन यह अल्लाह की तरफ से है तुमने अपने आप को गुनाह से बचाने के लिए अपने आप को गंदगी लगाना पसंद कर लिया लेकिन अल्लाह ने उसी गंदगी को एक ऐसी खुशबू में बदल दिया जो कि इस दुनिया की नहीं लगती....
कहते हैं कि उस नौजवान के पास से हमेशा ही वह खुशबू आती रही....
देखने में वह किसी दिनी मदरसे का स्टूडेंट लगता था लेकिन इतना खूबसूरत था कि वह देखते ही उसे अपना दिल दे बैठी और अब चाहती थी कि वह किसी तरह उस पर नजरे ईल्तीफात करे....
लेकिन वह अपनी मस्ती में मगन सर झुकाए जबान से कुछ पड़ता हुआ रोजाना एक खास वक्त मैं वहां से गुजरता और कभी आंख उठाकर भी न देखता..
उस औरत को अब ज़िद सी हो गई थी वह हैरान थी कि कोई ऐसा नोजवान भी हो सकता है जो उसकी तरफ न देखे .....और उसे ऐसा सोचने का हक भी था वह अपने इलाके की सबसे अमीर और खूबसूरत औरत थी खूबसूरत इतनी कि जब वह बाहर निकलती तो लोग उसे बे इख़्तियार देखने पर मजबूर हो जाते उसे हैरत थी के जिस की खूबसूरती को देखने के लिए लोग तरसते हैं वह खुद किसी को पसंद करें और वह माइल ना हो उसकी तरफ देखना गवारा न करें .....
अपनी अना की शिकस्त और खूबसूरती की तोहीन पर वह पागल हो गई ....और कोई ऐसा मंसूबा सोचने लगी जिससे वह उस नौजवान को हासिल कर सके और उसका गुरूर तोड़ सके .....
आखिरकार शैतान ने उसे एक ऐसा तरीका समझा दिया जिस में फँसकर वह नौजवान उसकी बात माने बिना रह ही नहीं सकता था .
अगले दिन जब वह नौजवान उस गली से गुजर रहा था तो एक औरत उसके करीब आई और
कहने लगी. .बेटा..!! मेरी मालकिन तुम्हें बुला रही है नौजवान ने कहा अम्मा जी आपकी मालकीन को मुझसे क्या काम है उस औरत ने कहा बेटा उसको तुमसे कोई मसला पूछना है वह मजबूर है खुद बाहर नहीं आ सकती..
नौजवान उस औरत के साथ चला गया उसके वहमो गुमान में भी नहीं था कि जो औरत उसे बुला रही है उसका मनसूबा क्या है वह क्या चाहती है ...
वह तो अपनी फितरती सादा दिली की वजह से उसकी मदद करने के लिए उसके घर आ गया उसके जहन में था कि शायद कोई बूढी औरत है जो अपनी किसी मजबूरी की वजह से बाहर आने से कासिर हे नौकरानी ने उसे एक कमरे में बिठाया और इंतजार करने का कह कर चली गई.
थोड़ी देर बाद कमरे में वही औरत दाखिल हुई नौजवान ने बे इफ्तियार अपनी नजरें झुका ली क्योंकि अंदर आने वाली औरत बहुत खूबसूरत थी नौजवान ने पूछा जी बीबी आपको कौन सा मसला पूछना है ..??
औरत के चेहरे पर एक शेतानी मुस्कुराहट आ गई उसने अपने दिल का हाल खोल कर रख दिया और कहा कि मेरी सबसे बड़ी ख्वाहिश है कि मैं एक दफा तुम्हें हासिल कर लूं ......
जवान यह बात सुनकर कांप आया और कहने लगा अल्लाह की बंदी ..!! अल्लाह से डरो ....!!
क्यों गुनाह की तरफ माइल हो रही हो उसने औरत को बहुत समझाया लेकिन औरत पर तो शैतान सवार था उसने कहा कि या तो तुम मेरी ख्वाहिश पूरी करोगे या फिर मैं शोर मचाऊंगी कि तुम जबरदस्ती मेरे घर में दाखिल हुए और मेरी इज्जत पर हमला किया...!!
नौजवान यह सुनकर बहुत परेशान हुआ उसे अपनी इज्जत किसी भी तरह महफूज नजर नहीं आ रही थी उसकी बात मानता तो गुनाहगार होता ना मानता तो लोगों की नजर में बुरा बनता...... वह इलाका जहां लोग उसकी शराफत की मिसालें दिया करते थे वहां पर उस पर इस किस्म का इल्जाम लग जाए यह उसे गवारा नहीं था वह अजीब मुसीबत में फस गया था दिल ही दिल में वह अपने अल्लाह की तरफ मुतवज्जे हुआ और अल्लाह से मदद चाही .....
तो उसके जेहन में एक तरकीब आ गई उसने औरत से कहा ठीक है मैं तुम्हारी ख्वाहिश पूरी करने के लिए तैयार हूं लेकिन पहले मुझे बेतूल ख़ला जाने की हाजत है .
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औरत ने उसे बेतुल खला बता दिया उस नौजवान ने अंदर जाकर ढेर सारी गलाज़त(गंदगी) अपने जिस्म पर मल ली और बाहर आ गया औरत उसे देखते ही चिल्ला उठी यह तुमने क्या किया जालीम ....!! मुझ जैसी नफीस तबीयत वाली के सामने इतनी गंदी हालत में आ गए दफा हो जाओ..... निकल जाओ मेरे घर से. .!!
नौजवान फौरन उसके घर से निकल गया और करीब ही एक नहर पर अपने आप को और अपने कपड़ों को अच्छी तरह पाक किया और अल्लाह का शुक्र अदा करता हुआ वापस मदरसे चला गया...
नमाज के बाद वह जब सबक में बैठा तो थोड़ी देर बाद उस्ताद ने कहा कि आज तो बहुत प्यारी खुशबू आ रही है किस तालीब ईल्म ने खुशबू लगाई है वह नौजवान समझ गया कि उसके जिस्म से अभी बदबू गई नहीं और उस्ताद जी तंज़ कर रहे हैं वह अपने आप में सिमट गया और उसकी आंखों में आंसू आ गए ....
थोड़ी देर बाद उस्ताद जी ने फिर पूछा कि यह खुशबू किसने लगाई है ...??
लेकिन वह खामोश रहा आखिरकार उस्ताद ने सबको एक-एक करके बुलाया और खुशबू सुँघने लगे ...
उस नौजवान की बारी आई तो वह भी सर झुकाकर उस्ताद के सामने खड़ा हो गया उस्ताद ने उसके कपड़ो को सुँघा तो वह खुशबू उसके कपड़ो से आ रही थी उस्ताद ने कहा कि तुम बता क्यों नहीं बता रहे थे कि यह खुशबू तुमने लगाई है....
नौजवान रो पड़ा और कहने लगा उस्ताद जी अब और शर्मिंदा न करें मुझे पता है मेरे कपड़ों से बदबू आ रही है लेकिन मैं मजबूर था और उसने सारा वाकिया उस्ताद को सुनाया ...!!
उस्ताद ने कहा कि मैं तुम्हारा मजाक नहीं उड़ा रहा खुदा की कसम ...!! तुम्हारे कपड़ो से वाकई ऐसी खुशबू आ रही है जो मैंने आज से पहले कभी नहीं सुँघी और यकीनन यह अल्लाह की तरफ से है तुमने अपने आप को गुनाह से बचाने के लिए अपने आप को गंदगी लगाना पसंद कर लिया लेकिन अल्लाह ने उसी गंदगी को एक ऐसी खुशबू में बदल दिया जो कि इस दुनिया की नहीं लगती....
कहते हैं कि उस नौजवान के पास से हमेशा ही वह खुशबू आती रही....
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