Education (पढ़ाई) क्या है और हमारी ज़िन्दगी में उस की क्या अहमियत है और हमें क्यों पढ़ना चाहिए
आज हम Education(पढ़ाई-इल्म) के बारे में जानने की कोशिश करेंगे और ये भी समझने के कोशिश करेंगे की हमारी ज़िन्दगी में Education की क्या अहमियत है।
हमें ये कहा जाता है कि इल्म (Education) एक बहोत बड़ा समंदर है चाहे वो दुनयावी इल्म हो या मज़हबी (धार्मिक) इल्म। साथ ही हमें ये भी सिखाया जाता है कि इल्म वो है जो कभी अपने सवार को अपनी सवारी से गिरने नही देता यानी इल्म रखने वाला अपनी सूझ बूझ और अपनी अक्ल सलीम से काम करता है।
हम इल्म की अहमियत की बात करें तो इल्म के ज़रिये से ही हम बातचीत करने का तरीका समझते है अच्छे बुरे की तमीज़ को समझते हैं बडे,बूढ़ो,बच्चों,नवजवानों,औरतों और बच्चियों से किस तरह पेश आएं ये सारी चीजें भी हमें इल्म ही सिखाता है
इस के साथ साथ हमारे कारोबार में नफे और नुकसान को जानना भी इल्म ही हमें सिखाता है और साथ ही ज़िन्दगी को किस अंदाज़ में जिया जाए इस की मालूमात में भी इजाफा करता है और सारी की सारी मालूमात (Information) भी हमे इल्म ही सीखाता है ।
इल्म के बारे में दुनियाँ में वैसे तो बहोत सी मिसालें मौजूद है पर आज हम सरकार ए कायनात जनाब ए मुहम्मदुर रसूलुल्लाह की बात करें तो सब से पहले वही (अल्लाह जिब्राइल अलैहिस्सलाम को जब आप स.अ.व.स. के पास कोई पैगाम ले कर भेजते थे उसे वही कहा जाता है ) आने पर आप स.अ.व.स. ने इक़रा पढ़ा था। और आप स.अ.व.स. ने उम्मतिओं को इल्म हासिल करने की बड़ी और अहमियत वाली ताक़ीद भी की थी आप स.अ.व.स. ने ये भी फ़रमाया की अगर चे आप को इल्म हासिल करने चीन (जिस मुल्क को आज हम China के नाम से जानते है) तक भी जाना पड़े तो जाओ।
मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा चाहे।
के दाना खाक में मिलकर ही गुल ए गुलज़ार होता है।
इल्म की बदौलत से ही हम ने खेती बाड़ी करने का तरीका सीखा साथ ही साथ अनाज को सालों साल किस तरह से मेहफ़ूज़ (सम्भाल) कर रखा जाए ये तरीका भी सीखा और इस के अलावा मिट्टी का दिया बनाना मोमबत्ती,माचिस,लालटेन,तलवारें,ढालें,भालें,बन्दूकें टेलिस्कोप,दूरबीन,केल्क्युलेटर,हवाईजहाज़,हेलिकॉप्टर बनाने का तरीका भी सीखा और ईसी के साथ ही कम्प्यूटर्स,Super Fast Computer,टेलीफोन,मोबाइल (Smart Phone Mobile) कैमरे,रॉकेट,मरीन,Sub Marrin,मिसाइल, space shuttle,Bike,Cars,पँखे,Air Cooler,A/C,T.v (Lcd-Led Tv) Refrigerator (फिरिज) Projector, Laptops जैसी आधुनिक (Advanced) चीजें बना ने का तरीका भी सीख लिया है और हम ने इन्हें बना भी लिया है और आज हम इन्हें इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
इन सब के आलावा बड़ी बड़ी खुबसूरत आलिशान इमारतें दिलकश क़िले,महल,दिवारें,मीनारें,इमारतें,टावर्स,मोल्स,बड़े बड़े पुल और गार्डन जैसी चिजें भी बनाई जिसे देखने पर हमें अपने आप पर फखर मेहसूस होता है और आज हम ने वो कामयाबी भी हासिल कर ली है कि हम चाँद पर भी पहोंच गए। और तो और इल्म हमारी सोचने समझने की सलाहियतों में इज़ाफ़ा करता है और हमारी कामयाबियों में भी चार चाँद लगा देता है।
अगर इल्म हमारी ज़िन्दगी में ना हो तो ये उस मिसाल के जैसी होगी जैसे हम ने खाने के अंदर से स्वाद (ज़ायका-Test) ही निकाल लिया हो।
ईस लिए हमें हमारे समाज (माआशरे) में इल्म को ज़्यादा से ज़्यादा फैलाने की कोशिश करते रेहना चाहिए। और सभी लोगों को इसे हासिल करने और इस के फायदों के बारे में भी बताते रेहना चाहिए जिस से समाज और देश दोनों ही आगे एक साथ आगे बढ़ सके और इन दोनों को ज़रूर से ज़रूर फ़ायदा हासिल हो सके।
नदियों की तरह शोर शराबा नही आता
गहरे समंदर को दिखावा नही आता
अखलाक व आदत खरीदे नही जाते
दौलत से गुफ़्तगू का सलीका नही आता
तहरीर करदा
अब्दुर रहीम (तालिब ए इल्म)
9898181726
7043910720
हमें ये कहा जाता है कि इल्म (Education) एक बहोत बड़ा समंदर है चाहे वो दुनयावी इल्म हो या मज़हबी (धार्मिक) इल्म। साथ ही हमें ये भी सिखाया जाता है कि इल्म वो है जो कभी अपने सवार को अपनी सवारी से गिरने नही देता यानी इल्म रखने वाला अपनी सूझ बूझ और अपनी अक्ल सलीम से काम करता है।
हम इल्म की अहमियत की बात करें तो इल्म के ज़रिये से ही हम बातचीत करने का तरीका समझते है अच्छे बुरे की तमीज़ को समझते हैं बडे,बूढ़ो,बच्चों,नवजवानों,औरतों और बच्चियों से किस तरह पेश आएं ये सारी चीजें भी हमें इल्म ही सिखाता है
इस के साथ साथ हमारे कारोबार में नफे और नुकसान को जानना भी इल्म ही हमें सिखाता है और साथ ही ज़िन्दगी को किस अंदाज़ में जिया जाए इस की मालूमात में भी इजाफा करता है और सारी की सारी मालूमात (Information) भी हमे इल्म ही सीखाता है ।
इल्म के बारे में दुनियाँ में वैसे तो बहोत सी मिसालें मौजूद है पर आज हम सरकार ए कायनात जनाब ए मुहम्मदुर रसूलुल्लाह की बात करें तो सब से पहले वही (अल्लाह जिब्राइल अलैहिस्सलाम को जब आप स.अ.व.स. के पास कोई पैगाम ले कर भेजते थे उसे वही कहा जाता है ) आने पर आप स.अ.व.स. ने इक़रा पढ़ा था। और आप स.अ.व.स. ने उम्मतिओं को इल्म हासिल करने की बड़ी और अहमियत वाली ताक़ीद भी की थी आप स.अ.व.स. ने ये भी फ़रमाया की अगर चे आप को इल्म हासिल करने चीन (जिस मुल्क को आज हम China के नाम से जानते है) तक भी जाना पड़े तो जाओ।
मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा चाहे।
के दाना खाक में मिलकर ही गुल ए गुलज़ार होता है।
इल्म की बदौलत से ही हम ने खेती बाड़ी करने का तरीका सीखा साथ ही साथ अनाज को सालों साल किस तरह से मेहफ़ूज़ (सम्भाल) कर रखा जाए ये तरीका भी सीखा और इस के अलावा मिट्टी का दिया बनाना मोमबत्ती,माचिस,लालटेन,तलवारें,ढालें,भालें,बन्दूकें टेलिस्कोप,दूरबीन,केल्क्युलेटर,हवाईजहाज़,हेलिकॉप्टर बनाने का तरीका भी सीखा और ईसी के साथ ही कम्प्यूटर्स,Super Fast Computer,टेलीफोन,मोबाइल (Smart Phone Mobile) कैमरे,रॉकेट,मरीन,Sub Marrin,मिसाइल, space shuttle,Bike,Cars,पँखे,Air Cooler,A/C,T.v (Lcd-Led Tv) Refrigerator (फिरिज) Projector, Laptops जैसी आधुनिक (Advanced) चीजें बना ने का तरीका भी सीख लिया है और हम ने इन्हें बना भी लिया है और आज हम इन्हें इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
इन सब के आलावा बड़ी बड़ी खुबसूरत आलिशान इमारतें दिलकश क़िले,महल,दिवारें,मीनारें,इमारतें,टावर्स,मोल्स,बड़े बड़े पुल और गार्डन जैसी चिजें भी बनाई जिसे देखने पर हमें अपने आप पर फखर मेहसूस होता है और आज हम ने वो कामयाबी भी हासिल कर ली है कि हम चाँद पर भी पहोंच गए। और तो और इल्म हमारी सोचने समझने की सलाहियतों में इज़ाफ़ा करता है और हमारी कामयाबियों में भी चार चाँद लगा देता है।
अगर इल्म हमारी ज़िन्दगी में ना हो तो ये उस मिसाल के जैसी होगी जैसे हम ने खाने के अंदर से स्वाद (ज़ायका-Test) ही निकाल लिया हो।
ईस लिए हमें हमारे समाज (माआशरे) में इल्म को ज़्यादा से ज़्यादा फैलाने की कोशिश करते रेहना चाहिए। और सभी लोगों को इसे हासिल करने और इस के फायदों के बारे में भी बताते रेहना चाहिए जिस से समाज और देश दोनों ही आगे एक साथ आगे बढ़ सके और इन दोनों को ज़रूर से ज़रूर फ़ायदा हासिल हो सके।
नदियों की तरह शोर शराबा नही आता
गहरे समंदर को दिखावा नही आता
अखलाक व आदत खरीदे नही जाते
दौलत से गुफ़्तगू का सलीका नही आता
तहरीर करदा
अब्दुर रहीम (तालिब ए इल्म)
9898181726
7043910720
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