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Showing posts from September, 2020

मां कहने लगी बेटा हमारे पड़ोसी गरीब है*

 *खूबसूरत माअशरा खूबसूरत माहौल कैसे बनता है,* * मां ने पड़ोसि के दरवाजे पर दस्तक दी और उन से नमक मांग लिया!* *बेटा यह मंजर देख कर कहने लगा अम्मी कल ही तो में बाजार से नमक लेकर आया था*  *फिर यह पड़ोसी के दरवाजे पर जाने की क्या जरूरत थी* *मां कहने लगी बेटा हमारे पड़ोसी गरीब है* *वह वक्तन फ वक्तन हमसे कुछ ना कुछ मांगते रहते हैं,* *मुझे मालूम है कि हमारे किचन में नमक है!* *लेकिन मैंने उनसे नमक इसीलिए मांग लिया ताकि वह हमसे  कुछ मांगते हुए हिचकिचाहट और शर्मिंदगी महसूस ना करें,* *बल्कि वो यह समझे के पड़ोसी से हस्बे जरूरत चीज मांगी जा सकती है!* *और यह पड़ोसियों के हुकुक में  से है,* *खूबसूरत मआशरे ऐसी ही मांओं से तरक्की पाते हैं ।।*

मैं उस दिन जान गई थी की तुम अपने माँ बाप क़े हुकूक अदा नही करते

शादी की पहली रात थी दूल्हा खाने का बड़ा सा थाल हाथ में लिय़े कमरे में दाखिल हूआ खाने से बहुत उम्दा खुशबू आ रही थी कहने लगा आओ खाना खाते हे... #बीवी बोली मैंने देखा तुम्हारी अम्मी ने भी खाना नही खाया है, उनको भी बुला लो फ़िर मिलकर खाते हैं.... शौहर कहने लगा वह सो गई होगी छोड़ो , हम दोनो खाते हैं.. बीवी क़े कई बार इसरार क़े बाद भी शौहर अम्मी को बुलाने नही गया .... जब उसने शौहर का ये रवेय्या देखा तो तलाक का मुतालबा कर दिया तो वह हेरान हो गया ओर तलाक हो गया .... दोनो अलग अलग हो गये ओर दोनो ने दूसरी शादिया कर ली ... 30 साल गुजर गये उस औरत क़े तीन बेटे हुये बहुत मुहब्बत करने वाले बहुत आसुदा हाल थी वह .... उसने तीनो बेटों क़े साथ हज करने का इरादा किया तो सफर क़े दौरान बेटे माँ क़े साथ इस तरह पेश आ रहे थे जसे कोइ मलका हो .... रास्ते में एक आदमी पर नज़र पड़ी बहुत बुरी हालत में भूखा प्यासा पुराने कपड़े निढाल बेठा था किसी क़े जरिये वह भी हज क़े मुक़द्दस सफर पर भेजा गया था .... औरत ने अपने बेटों से उसे उठाकर हाथ मुँह धुलाकर खाना खिलाने को कहा वह पहचान गई थी ये उसका पहला शौहर है (था).... वह कहने लगी ये वक़्त ...

हमारी मिठाइयों पर गौर कीजिए, कुछ ना कुछ संदेश देती है .....

 *हमारी मिठाइयों पर गौर कीजिए, कुछ ना कुछ संदेश देती है*..... जैसे 1️⃣ *जलेबी* आकार मायने नहीं रखता,  स्वभाव मायने रखता  है,  जीवन मे उलझने कितनी भी हो, *रसीले और मधुर रहो* ॰॰ 2️⃣ *रसगुल्ला* कोई फर्क नहीं पड़ता कि, जीवन आपको कितना निचोड़ता है, *अपना असली रूप सदा बनाये रखें* 3️⃣ *लड्डू* बूंदी-बूंदी से लड्डू बनता, छोटे-छोटे प्रयास से ही सबकुछ होता हैं! *सकारात्मक प्रयास करते रहे.* ॰॰ 4️⃣ *सोहन पापड़ी* हर कोई आपको पसंद नहीं कर सकता, लेकिन बनानेवाले ने कभी हिम्मत नहीं हारी। *अपने लक्ष्य पर टिके रहो* ॰॰ 5️⃣ *काजू कतली* अपने आप को इतना सस्ता ना रखे, की राह चलता कोई भी आपका दाम पूछता रहे ! *आंतरिक गुणवत्ता हमें सबसे अलग बनाती है* 6️⃣ *गुलाब जामुन* सॉफ्ट होना कमजोरी नहीं है! ये आपकी खासियत भी है। *नम्रता यह एक विशेष गुण है* 7️⃣ *बेसन के लड्डू* यदि दबाव में बिखर भी जाय तो, फिरसे बंधकर लड्डु हुआ जा सकता है। *परिवार में एकता बनाए रखें*  आप सभीका हर दिन, इन्हीं मिष्ठान्नों की तरह सुमंगल हो

اگلے دن پتہ چلا یہاں عبایا پہننا منع ہے

 پچھلے دنوں نئی نئی جاب لگی... شروع میں جونیئر سیکشن میں دوپٹے سے کام چلایا لیکن جب لڑکوں کا سینئر سیکشن ملا تو عبایا پہننا شروع کر دیا، اگلے دن پتہ چلا یہاں عبایا پہننا منع ہے جبکہ سینئر سیکشن ہونے کی وجہ سے میرا بغیر عبایا کے پڑھانا محال تھا،سوچا پرنسپل نے بلایا تو دیکھی جائے گی... پھر وہی ہوا جس کا ڈر تھا... آفس بلایا گیا، کرسی پہ براجمان نہایت معزز نظر آنے والی خاتون مجھ سے گویا ہوئیں... "آپ سے جو ٹیسٹ لیا گیا وہ انتہائی بہترین اور متوازن تھا اسلیے اپکو بلاتردد اپنے آفس میں بلا لیا، دیکھنا چاہتے تھے کہ اتنے بہترین خیالات کی لڑکی دیکھنے میں کیسی ہے... لیکن اپکو شاگرد کے سامنے  اپنی کمزوری نہیں دکھانی چاہیے کہ آپ عبایا پہن کر انکو انسیکیور محسوس کروائیں رشتہ ایسا رکھیں کہ انکا دھیان ہی نہ جائے کہ ٹیچر نے لباس کیسا پہنا ہوا ہے..."  ضبط کرتی رہی یہ سب کہ میرا عبایا انکو کچھ اور سوچنے پر مجبور کر رہا "ہوگا"...  جب سب سن لیا تو جواب دینے کی بجائے پرنسپل صاحبہ سے ایک سوال کیا کہ اگر میں آپ سے کہوں کہ آپ عبایا پہننا شروع کر دیں تو آپ کو کیسا محسوس ہوگا؟ کہنے لگیں لباس م...