मेरी बकरियां किसी के खेत से कुछ चर न लें ......
यह बुज़ुर्ग अफ्रीकी मुसलमान हैं, इन्होंने बकरियों के लिए सरियों वाला जंगला बनवाया है, इसमें बकरियां लेकर जाते हैं और शाम को वापस लाते हैं, लोगों के ज़हन में यह सवाल ज़रूर उभरता और वो खुद ही उसका जवाब सोच लेते ~
"शायद जंगला बकरियों के भागने से बचाव के लिए है, या इसलिए कि बकरियां कहीं सड़क पर आती जाती गाड़ियों से टकरा ना जाएं, कोई हादसा ना हो जाए, वगैरा वगैरा ..!!"
एक रोज किसी नौजवान ने बुज़ुर्ग से पूछ लिया, "बाबा जी यह जंगला किस लिए है ..?"
बाबाजी ने कहा : "बेटा, मैं डरता हूं कहीं मेरी बकरियां किसी के खेत से कुछ चर न लें, कयामत के रोज़ बकरियों का मालिक होने की हैसियत से अल्लाह के यहां जवाब तो मुझे ही देना पड़ेगा, तब वहां क्या बहाना पेश करूंगा ..?"
~अरबी पत्रिका "अल-हदत" से हिंदी अनुवाद
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