Posts

Showing posts from October, 2021

आज हमे Anatomy Science के ज़रिये पता चला के मधुमक्खी 🐝 के तीन पेट होते है l

Image
 आज से 1441 साल पहले जब इतनी छोटीसी मधुमक्खी 🐝 की शरीर-रचना-विज्ञान (Anatomy) का विज्ञान मौजूद ही नही था उस वक्त कुरआन मे अल्लाह तआला ने मधुमक्खी 🐝 के बारे मे ऐसी जानकारी दी जिसको जान लेने के बाद हर अकलमंद इंसान कहेगा की क़ुरआन किसी इंसान की लिखी किताब नही बल्कि अल्लाह की तरफ़ से भेजा गया पैगाम है और सारी इंसानियत के लिए मार्गदर्शन है। अरबी भाषा मे मधुमक्खी 🐝 को "नहल" कहते है। क़ुरआन मजीद मे मधुमक्खी 🐝 यानी "अन- नहल" (The Bees) के नाम से सूरह मौजूद है। अल्लाह तआला इस सुरह की आयत नंबर 68 से 69 मे फरमाता है कि, और (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार ने शहद की मक्खियों के दिल में ये बात डाली कि तू पहाड़ों मे घर (छत्ते) बना और दरख्तों और लोगों की बनायी छतों में। फिर हर तरह के फलों (के पूर से) (उनका अर्क़) चूस कर फिर अपने परवरदिगार की राहों में ताबेदारी के साथ चली मक्खियों के पेटो से पीने की एक चीज़ निकलती है (शहद) जिसके मुख्तलिफ रंग होते हैं इसमें लोगों (के बीमारियों) की शिफ़ा (भी) है इसमें शक़ नहीं कि इसमें ग़ौर व फ़िक्र करने वालों के वास्ते (क़ुदरते ख़ुदा की बहुत बड़ी निशानी है) ...

गाँव-देहात में एक कीड़ा पाया जाता है, जिसे गोबरैला कहा जाता है।

Image
गोबरैला गाँव-देहात में एक कीड़ा पाया जाता है, जिसे गोबरैला कहा जाता है। उसे गाय, भैंसों के ताजे गोबर की बू बहुत भाती है! वह सुबह से गोबर की तलाश में निकल पड़ता है और सारा दिन उसे जहां कहीं गोबर मिल जाता है, वहीं उसका गोला बनाना शुरू कर देता है।  शाम तक वह एक बड़ा सा गोला बना लेता है। फिर उस गोले को ढ़केलते हुए अपने बिल तक ले जाता है। लेकिन बिल पर पहुंच कर उसे पता चलता है कि गोला तो बहुत बड़ा बन गया मगर उसके बिल का द्वार बहुत छोटा है। बहुत परिश्रम और कोशिशों के बाद भी वह उस गोले को बिल के अंदर नहीं ढ़केल पाता, और उसे वहीं पर छोड़कर बिल में चला जाता है। यही हाल हम मनुष्यों का भी है। पूरी जिंदगी हम दुनियाभर का माल-मत्ता जमा करने में लगे रहते हैं और जब अंतिम समय आता है, तो पता चलता है कि ये सब तो साथ नहीं ले जा सकते और तब हम उस जीवन भर की कमाई को बड़ी हसरत से देखते हुए इस संसार से विदा हो जाते हैं। पुण्य किसी को दगा नहीं देता और पाप किसी का सगा नहीं होता। जो कर्म को समझता है, उसे धर्म को समझने की जरूरत नहीं पड़ती। संपत्ति के उत्तराधिकारी कोई भी या अनेक हो सकते हैं, लेकिन कर्मों के उत्तराधि...