कभी अर्श पर कभी फर्श पर

कभी अर्श पर कभी फर्श पर

कभी उन के दर कभी दर बदर

गम ए आशिकी तेरा शुक्रिया 

मैं कहां कहां से गुजर गया

कभी रास्तों में तन्हा कभी हुं गुरुद ए सेहरा

मैं जुनु का हमसफर हुं मेरा कोई घर नही है 


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