जकात : कोई कारोबार करना चाहता है

अये, मोमिनो *"जकात का हक्क" जकात के मुस्तहिक* को ही देकर अदा करो.

दुर कही ना जाओ.अपने ही रिस्तेदार-दोस्त-अहबाब-मोहल्ले-बस्ती मे देखो, आपको कई मिलेगें.

 *👉किसीकी बेटी घर बैठी है*

 *👉कोई ऐज्युकेशन के लिऐ पैसे नही ऐसा बोलकर पढाई ...* 

 *👉कोई बिमारी के ईलाज के लिए घर बैठा है.*

 *👉किसी को घर का किराया देने पैसे नही है.* 

 *👉कोई कर्ज मे डुबा है.* 

 *👉कोई ब्याज ही देने मे डुब्बा है.* 

 *👉कोई कारोबार करना चाहता है.*

 *👉तो,कोई कारोबार के-बाजार के चढ-उतार-मदीं से डुब गया है.*

क्या,हम ऐसो को जकात अदा करके उनको हाथ नही दे सकते है ? 🤔 

ता के, कल ईन शा अल्लाह वह भी किसी को हाथ दे सके.

 *👉हम हमारे ही रिस्तेदार-दोस्त-अहबाब मोहल्ले-बस्ती वालो मे ही जकात टुकडा-टुकडा बाटने के बजाऐ एकट्टा जमा करके ऐसो👆 की एकट्टा रक्कम मदद करके माशरे मे एक नया इन्कलाब बरपा नही कर सकते है ?🤔.*

🤝💪🌹 

सोचो,कब तक हम *पेशेवर भिखारी,मुस्लिम चोला पहेने फ्रॉड जरूरतमंद-मदरसे-सफीरो* को *जकात-सदका -फितरा-ईमददाद* देते रहेगें ?😞

बदलाव तो लाना ही होगा.अब नही तो कब ????????

जरा सोचो ए मूसलमानो🌹🌹

Comments

Popular posts from this blog

तलबीना की अहमियत

कल्कि अवतार (पंडित वेद प्रकाश ब्राह्मण)

مسواک کے ستر (70) فوائد