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आयुर्वेदिक उपचार

*आयुर्वेदिक उपचार:-*

         हींग से करें घरेलू उपचार

 1) दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएँ। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे।
2) यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा।
3) हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है।
4) हींग का लेप बवासीर, तिल्ली में लाभप्रद है।
5) कब्जियत की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें, सबेरे शौच साफ होगा।
6) पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा।
7) पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं।
8) जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
9) प्रतिदिन के भोजन में दाल, कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है।
10) मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानियां जैसे पेट में दर्द और मरोड़ या अनियमित मासिक धर्म में हींग का सेवन करने से फायदे होते हैं। यह औषधि कैंडिडा संक्रमण और ल्यूकोरहोइया से भी छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है।
11) सूखी खांसी, अस्थमा, काली खांसी के लिए हींग और अदरक में शहद मिलाकर लेने से काफी आराम मिलता है।
12) हींग की मदद से शरीर में ज्यादा इन्सुलिन बनता है और ब्लड शुगर का स्तर नीचे गिरता है। ब्लड शुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग में पका कड़वा कद्दू खाना चाहिए।
13) हींग में कोउमारिन होता है जो खून को पतला करने में मदद करता है और इसे जमने से रोकता है। हींग बढ़े हुए ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को भी घटाता है।
14) यह औषधि विचार शक्ति को बढ़ाती है और इसलिए उन्माद, ऐंठन और दिमाग में खून की कमी से बेहोशी जैसे लक्षण से बचने के लिए भी हींग खाने की सलाह दी जाती है।
15) अफीम के असर को कम करने में हींग मदद करता है। इसलिए इसे विषहरण औषधि भी कहा जाता है।
16) शोध के अनुसार हींग में वह शक्ति होती है जो कर्क (कैंसर) रोग को बढ़ावा देने वाले सेल को पनपने से रोकता है।


यूनानी व आयुर्वेदिक चिकित्सा पैथी अपनाइयें और स्वस्थ रहे।

*आयुर्वेदिक उपचार:-*

250 ग्राम मैथीदाना
100 ग्राम अजवाईन
50 ग्राम काली जीरी

उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना(ज्यादा सेंकना नहीं) तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर डिब्बा-शीशी या बरनी में भर लेवें ।
रात्रि को सोते समय चम्मच पावडर एक गिलास पूरा कुन-कुना पानी के साथ लेना है। 
गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है। 
यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी । 
पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा । चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।
‘‘फायदे’’
1. गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा ।
2. हड्डियाँ मजबूत होगी ।
3. आॅख का तेज बढ़ेगा ।
4. बालों का विकास होगा।
5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
6. शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।
7. कफ से मुक्ति ।
8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।
9. थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।
11. स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा ।
12. कान का बहरापन दूर होगा ।
13. भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी ।
15. शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी ।
16. दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा ।
17. नपुसंकता दूर होगी।
18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा । 

*आयुर्वेदिक उपचार:-*

*1 महीने पीएं मेथी का पानी, शरीर के हर पार्ट में आएगा ये चमत्कारिक 
घर पर आसानी से मिल जाने वाली मेथी में इतने सारे गुण है कि आप सोच भी नहीं सकते है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि एक ऐसी दवा है जिसमें हर बीमारी को खत्म करने का दम है। आइए आज हम आपको मेथी के पानी के कुछ चमत्कारिक तरीके बताते हैं।

*करें ये काम*

🌼एक पानी से भरा गिलास ले कर उसमें दो चम्‍मच मेथी दाना डाल कर रातभर के लिये भिगो दें। सुबह इस पानी को छानें और खाली पेट पी जाएं। रातभर मेथी भिगोने से पानी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्‍सीडेंट गुण बढ जाते हैं। इससे शरीर की तमाम बीमारियां चुटकियों में खत्म हो जाती है। आइए आपको बताते है कि कौन सी है वो खतरनाक 7 बीमारियां जो भग जाएंगी इस पानी को पीने से।

*वजन होगा कम*

🌼यदि आप भिगोई हुई मेथी के साथ उसका पानी भी पियें तो आपको जबरदस्‍ती की भूख नहीं लगेगी। रोज एक महीने तक मेथी का पानी पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है।

*गठिया रोग से बचाए*

🌼इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होने के नातेए मेथी का पानी गठिया से होने वाले दर्द में भी राहत दिलाती है।

*कोलेस्‍ट्रॉल लेवल घटाए*

🌼बहुत सारी स्‍टडीज़ में प्रूव हुआ है कि मेथी खाने से या उसका पानी पीने से शरीर से खराब कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल कम होकर अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल बढ़ता है।

*ब्लड प्रेशर होगा कंट्रोल*

🌼मेथी में एक galactomannan नामक कम्‍पाउंड और पोटैशियम होता है। ये दो सामग्रियां आपके ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बड़ी ही सहायक होती हैं।

*कैंसर से बचाए*

🌼मेथी में ढेर सारा फाइबर होता है जो कि शरीर से विषैले तत्‍वों को निकाल फेंकती है और पेट के कैंसर से बचाती है।

*किडनी स्‍टोन*

🌼अगर आप भिगोई हुई मेथी का पानी 1 महीने तक हर सुबह खाली पेट पियेंगे आपकी किडनी से स्‍टोन जल्‍द ही निकल जाएंगे।

*मधुमेह*

🌼मेथी में galactomannan होता है जो कि एक बहुत जरुरी फाइबर कम्‍पाउंड है। इससे रक्‍त में शक्‍कर बड़ी ही धीमी गति से घुलती है। इस कारण से मधुमेह नहीं होता।

*आयुर्वेदिक उपचार:-*
● आँखों के संक्रमण के उपचार -
• आप एक चम्मच हल्दी को दो गिलास पानी में मिलाकर आई ड्रॉप्स भी बना सकते हैं। सूजन जाने तक इसे रोज़ दिन में ३ बार प्रयोग करें।
• २ गिलास पानी में अकाशिया के पत्तों को ५ मिनट तक उबालें। इसको आँखों की भाप के रूप में प्रयोग करके आँखों की पलकों पर ४ से ५ मिनट तक रखें।
• आप धनिये को १ गिलास पानी में उबालकर आँखों के लिए अच्छा घोल बना सकते हैं। यह स्टाइ के उपचार का काफी बढ़िया तरीका है।
• एलोवेरा का प्रयोग आँखों की कई समस्याओं और स्टाइ के उपचार के लिए किया जा सकता है। एलो वेरा की एक पत्ती तोड़ें एवं उसके रस को आँखों पर लगाएं।
• क्लोरीन युक्त पानी में तैराकी ना करें।
• आप कैमोमिल,लैवेंडर एवं गुलाब की वसा का प्रयोग करके गर्म पट्टी बना सकते हैं एवं कंजक्टिवाइटिस का इलाज कर सकते हैं।
• स्टाइ हटाने के लिए उभरी हुई सूजन पर गर्म कपडे से गर्म भाप करें।
• अमरुद की पत्तियों को गर्म करें और गीले कपडे में रखें। अब इस गीले कपडे का उपयोग भाप के रूप में आँखों का लालपन और सूजन हटाने के लिए करें।

*आयुर्वेदिक उपचार:-*
मुनक्का :-रामबाण औषधि है।
1) - कब्ज के रोगियों को रात्रि में मुनक्का और सौंफ खाकर सोना चाहिए। कब्ज दूर करने की यह रामबाण औषधि है।
2) - भूने हुए मुनक्के में लहसुन मिलाकर सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु (गैस) बाहर निकल जाती है और कमर के दर्द में लाभ होता है।
3) - यदि किसी को कब्ज़ की समस्या है तो उसके लिए शाम के समय 10 मुनक्कों को साफ़ धोकर एक गिलास दूध में उबाल लें फिर रात को सोते समय इसके बीज निकल दें और मुनक्के खा लें तथा ऊपर से गर्म दूध पी लें , १इस प्रयोग को नियमित करने से लाभ स्वयं महसूस करें | इस प्रयोग से यदि किसी को दस्त होने लगें तो मुनक्के लेना बंद कर दें |
4) - पुराने बुखार के बाद जब भूख लगनी बंद हो जाए तब 10 -12 मुनक्के भून कर सेंधा नमक व कालीमिर्च मिलाकर खाने से भूख बढ़ती है |
5) - बच्चे यदि बिस्तर में पेशाब करते हों तो उन्हें 2 मुनक्के बीज निकालकर व उसमें एक-एक काली मिर्च डालकर रात को सोने से पहले खिला दें , यह प्रयोग लगातार दो हफ़्तों तक करें , लाभ होगा |
6) - मुनक्के के सेवन से कमजोरी मिट जाती है और शरीर पुष्ट हो जाता है |

*आयुर्वेदिक उपचार:-*
शीत ऋतु में एक स्वस्थ व्यक्ति को अपनी सेहत की तंदरूस्ती के लिए किस प्रकार का आहार लेना चाहिए

 शीत ऋतु में खारा तथा मधु रसप्रधान आहार लेना चाहिए।

पचने में भारी, पौष्टिकता से भरपूर, गरम व स्निग्ध प्रकृति के घी से बने पदार्थों का यथायोग्य सेवन करना चाहिए।

वर्षभर शरीर की स्वास्थ्य-रक्षा हेतु शक्ति का भंडार एकत्रित करने के लिए उड़दपाक, सालमपाक, सोंठपाक जैसे वाजीकारक पदार्थों अथवा च्यवनप्राश आदि का उपयोग करना चाहिए।

मौसमी फल व शाक, दूध, रबड़ी, घी, मक्खन, मट्ठा, शहद, उड़द, खजूर, तिल, खोपरा, मेथी, पीपर, सूखा मेवा तथा चरबी बढ़ाने वाले अन्य पौष्टिक पदार्थ इस ऋतु में सेवन योग्य माने जाते हैं। प्रातः सेवन हेतु रात को भिगोये हुए कच्चे चने (खूब चबा-चबाकर खाये), मूँगफली, गुड़, गाजर, केला, शकरकंद, सिंघाड़ा, आँवला आदि कम खर्च में सेवन किये जाने वाले पौष्टिक पदार्थ हैं।

इस ऋतु में बर्फ अथवा बर्फ का फ्रिज का पानी, रूखे-सूखे, कसैले, तीखे तथा कड़वे रसप्रधान द्रव्यों, वातकारक और बासी पदार्थ, एवं जो पदार्थ आपकी प्रकृति के अनुकूल नहीं हों, उनका सेवन न करें। शीत प्रकृति के पदार्थों का अति सेवन न करें। हलका भोजन भी निषिद्ध है।

इन दिनों में खटाई का अधिक प्रयोग न करें, जिससे कफ का प्रयोग न हो और खाँसी, श्वास (दमा), नजला, जुकाम आदि व्याधियाँ न हों। ताजा दही, छाछ, नींबू आदि का सेवन कर सकते हैं। भूख को मारना या समय पर भोजन न करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। क्योंकि चरक संहिता का कहना है कि शीतकाल में अग्नि के प्रबल होने पर उसके बल के अनुसार पौष्टिक और भारी आहारूपी ईंधन नहीं मिलने पर यह बढ़ी हुई अग्नि शरीर में उत्पन्न धातु (रस) को जलाने लगती है और वात कुपित होने लगता है। अतः उपवास भी अधिक नहीं करने चाहिए।

शरीर को ठंडी हवा के सम्पर्क में अधिक देर तक न आने दें।

प्रतिदिन प्रातःकाल दौड़ लगाना, शुद्ध वायुसेवन हेतु भ्रमण, शरीर की तेलमालिश, व्यायाम, कसरत व योगासन करने चाहिए।

जिनकी तासीर ठंडी हो, वे इस ऋतु में गुनगुने गर्म जल से स्नान करें। अधिक गर्म जल का प्रयोग न करें। हाथ-पैर धोने में भी यदि गुनगुने पानी का प्रयोग किया जाय तो हितकर होगा।

शरीर की चंपी करवाना एवं यदि कुश्ती अथवा अन्य कसरतें आती हों तो उन्हें करना हितावह है।

तेल मालिश के बाद शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करना हितकारी होता है।
कमरे एवं शरीर को थोड़ा गर्म रखें। सूती, मोटे तथा ऊनी वस्त्र इस मौसम में लाभकारी होते हैं।

प्रातःकाल सूर्य की किरणों का सेवन करें। पैर ठंडे न हों इस हेतु जूते पहनें। बिस्तर, कुर्सी अथवा बैठने के स्थान पर कम्बल, चटाई, प्लास्टिक अथवा टाट की बोरी बिछाकर ही बैठें। सूती कपड़े पर न बैठें।

दशमूलारिष्ट, लोहासन, अश्वगंधारिष्ट, च्यवनप्राश अथवा अश्वगंधावलेह जैसी देशी व आयुर्वेदिक औषधियों का इस काल में सेवन करने से वर्ष भर के लिए पर्याप्त शक्ति का संचय किया जा सकता है।

*आयुर्वेदिक उपचार:-*
*हल्‍दी दूध बनाने के सही तरीका :-*

हल्‍दी के टुकड़ें लें

हल्दी की एक इंच लंबे टुकड़े को लें। हल्दी पाउडर, हल्‍दी की स्टिक की तरह प्रभावी नहीं होता है, क्‍योंकि पाउडर में संदूषण की संभावना अधिक होती है, इसके अलावा पीसने की प्रक्रिया के दौरान हल्‍दी की गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए एक हल्दी के टुकड़े लेकर उसे क्रश करके इस्‍तेमाल करें।

पेपर्कॉर्न यानी मिर्च के दाने

फिर थोड़ी से पेपर्कॉर्न यानी मिर्च के दाने क्रश करें। काली मिर्च की जगह सफेद किस्म बेहतर रहती है। और सफेदी मिर्च यानी दखनी मिर्च आंखों की रोशनी बढ़ाने का काम करती है। अब आधा गिलास दूध और एक कप पानी लेकर उसमें आधी चम्‍मच क्रश हल्‍दी और मिर्च को मिलाकर अच्‍छे से उबाल लें।

शहद या चीनी डालें

20 मिनट उबलने के बाद इस मिश्रण को गैस से उतारकर, इस मिश्रण को छानकर उसमें शहद या चीनी मिला लें, और फिर लें गर्मागर्म हल्‍दी वाले दूध का मजा।

खांसी के लिए देसी घी मिलाये

अगर आप गले में खराश से राहत पाने के लिए इसे ले रहे हैं, तो गर्म हल्‍दी वाला दूध पीने से पहले आधा चम्‍मच देसी घी मिला लें। घी पिघल कर आपके गले पर कोट बनाकर, खांसी से अच्‍छी तरह से राहत देगा।

कुछ मिनट आराम से बैठकर इस पेय का सुखदायक स्‍वाद और रस्टिक अरोमा आपमें फील गुड फैक्‍टर की वृद्धि करने में मदद करता है।

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✳▪ *भोजन द्वारा स्वास्थ्य* ▪✳

🍌 केला ::-
        ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है,
        हड्डियों को मजबूत बनाता है,
        हृदय की सुरक्षा करता है,
        अतिसार  में लाभदायक है,
        खांसी में हितकारी है।

♠ जामुन ::-
        केन्सर की रोक थाम ,
        हृदय की सुरक्षा,
        कब्ज मिटाता है,
        स्मरण शक्ति बढाता है,
        रक्त शर्करा नियंत्रित करता है,
        डायबीटीज में अति लाभदायक।

🍎 सेवफ़ल ::-
        हृदय की सुरक्षा करता है,
        दस्त रोकता है,
        कब्ज में फ़ायदेमंद है,
        फ़ेफ़डे की शक्ति बढाता है।

♣ चुकंदर ::-
        वजन घटाता है,
        ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है,
        अस्थिक्छरण रोकता है,
        केंसर के विरुद्ध लडता है,
        हृदय की सुरक्षा करता है।

🌀 पत्ता गोभी ::-
       बवासीर में हितकारी है,
       हृदय रोगों में लाभदायक है,
       कब्ज मिटाता है,
       वजन घटाने  में सहायक है,
       केंसर में फ़ायदेमंद है।

🔺 गाजर ::-
       नेत्र ज्योति वर्धक है,
       केंसर प्रतिरोधक है,
       वजन घटाने में सहायक है,
       कब्ज मिटाता है,
       हृदय की सुरक्षा करता है।

🌸 फूल गोभी ::-
        हड्डियों को मजबूत बनाता है,
        स्तन केंसर से बचाव करता है,
        प्रोस्टेट ग्रंथि के केंसर में भी उपयोगी,
        चोंट, खरोंच ठीक करता है।

🌀 लहसुन:
        कोलेस्टरोल घटाती है,
        रक्त चाप घटाती है,
        कीटाणुनाशक है,
        केंसर से लडती है।

🐝 शहद ::-
       घाव भरने में उपयोगे है,
       पाचन क्रिया सुधारती है,
       एलर्जी रोगों में उपकारी है,
       अल्सर से मुक्तिकारक है,
       तत्काल स्फ़ूर्ती देती है।

🍈 नींबू ::-
       त्वचा को मुलायम बनाता है,
       केंसर अवरोधक है,
       हृदय की सुरक्षा करता है,
       ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है,
       स्कर्वी रोग नाशक है।

🍇 अंगूर ::-
        रक्त प्रवाह वर्धक है,
        हृदय की सुरक्षा करता है,
        केंसर से लडता है,
        गुर्दे की पथरी नष्ट करता है,
        नेत्र ज्योति वर्धक है।

🍋 आम ::-
        केंसर से बचाव करता है,
        थायराईड रोग में हितकारी है,
        पाचन शक्ति बढाता है,
        याददाश्त की कमजोरी में हितकर।

🌰 प्याज ::-
        फ़ंगस रोधी गुण हैं,
        हार्ट अटेक की रिस्क को कम करे,
        जीवाणु नाशक है,
        केंसर विरोधी है,
        खराब कोलेस्टरोल को घटाना।

♦ अलसी के बीज ::-
        मानसिक शक्ति वर्धक है,
        रोग प्रतिकारक शक्ति को ताकत दे,
        डायबीटीज में उपकारी है,
        हृदय की सुरक्षा करता है,
        डायजेशन को ठीक करता है।

🍊 संतरा ::-
       हृदय की सुरक्षा करता है,
       रोग प्रतिकारक शक्ति उन्नत होना,
       श्वसन पथ के विकारों में लाभकारी,
       केंसर में हितकारी है।

🍅 टमाटर ::-
       कोलेस्टरोल कम करता है,
       प्रोस्टेट ग्रंथि के स्वास्थ्य के लिये उपकारी,
       केंसर से बचाव करता है,
       हृदय की सुरक्षा करता है।

💦 पानी ::-
       गुर्दे की पथरी नाशक है,
       वजन घटाने में सहायक है,
       केंसर के विरुद्ध लडता है,
       त्वचा के चमक बढाता है।

☀ अखरोट ::-
        मूड उन्नत करन में सहायक है,
        मेमोरी  पावर बढाता है,
        केंसर से लड सकता है,
        हृदय रोगों से बचाव करता है,
        कोलेस्टरोल घटाने मेँ मददगार है।

🍉 तरबूज ::-
       स्ट्रोक रोकने में उपयोगी है,
       प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लिये हितकारी है,
       रक्तचाप घटाता है,
       वजन कम करने में सहायक है।

🌱 अंकुरित गेहूं ::-
       बडी आंत की केंसर से लडता है,
       कब्ज प्रतिकारक है,
       स्ट्रोक से रक्षा करता है,
       कोलेस्टरोल कम करता है,
       पाचन सुधारता है।

🌾 चावल ::-
       किडनी स्टोन में हितकारी है,
       डायबीटीज में लाभदायक है,
       स्ट्रोक से बचाव करता है,
       केंसर से लडता है,
       हृदय की सुरक्षा करता है।

🍯 आलू बुखारा ::-
        हृदय रोगों से बचाव करता है,
        बुढापा जल्द आने से रोकता है,
        याददाश्त बढाता है,
        कोलेस्टरोल घटाता है,
        कब्ज प्रतिकारक है।

🍍 पाइनेपल ::-
       अतिसार (दस्त) रोकता है,
       वार्ट्स (मस्से) ठीक करता है,
       सर्दी, ठंड से बचाव करता है,
       अस्थि क्छरण रोकता है ,
       पाचन सुधारता है।

🎑 जौ , जई  ::-
        कोलेस्टरोल घटाता है,
        केंसर से लडता है,
        डायबीटीज में उपकारी है,
        कब्ज प्रतिकारक् है ,
        त्वचा पर शाईनिंग लाता है।

🍪 अंजीर  ::-
        रक्त चाप नियंत्रित करता है,
        स्ट्रोक्स से बचाता है,
        कोलेस्टरोल कम करता है,
        केंसर से लडता है,
        वजन घटाने में सहायक है।

🍠 शकरकंद ::-
       आंखों की रोशनी बढाता है,
       मूड उन्नत करता है,
       हड्डिया बलवान बनाता है,

महत्वपूर्ण समाचार
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ये याद रखिये की भारत मैं सबसे ज्यादा मौते कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं।
आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ हे।
अमेरिका की कईं बड़ी बड़ी कंपनिया भारत मैं दिल के रोगियों (heart patients) को अरबों की दवाई बेच रही हैं !
लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा angioplasty (एन्जीओप्लास्टी) करवाओ।
इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नली में एक spring डालते हैं जिसे stent कहते हैं।
यह stent अमेरिका में बनता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डॉलर (रू.150-180) है।
इसी stent को भारत मे लाकर 3-5 लाख रूपए मे बेचा जाता है व आपको लूटा जाता है।
डॉक्टरों को लाखों रूपए का commission मिलता है इसलिए व आपसे बार बार कहता है कि angioplasty करवाओ।
Cholestrol, BP ya heart attack आने की मुख्य वजह है, Angioplasty ऑपरेशन।
यह कभी किसी का सफल नहीं होता।
क्यूँकी डॉक्टर, जो spring दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल pen की spring की तरह होती है।
कुछ ही महीनो में उस spring की दोनों साइडों पर आगे व पीछे blockage (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता है।
इसके बाद फिर आता है दूसरा heart attack ( हार्ट अटैक )
डॉक्टर कहता हें फिर से angioplasty करवाओ।
आपके लाखो रूपए लुटता है और आपकी जिंदगी इसी में निकल जाती हैं।
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               अब पढ़िए
       उसका आयुर्वेदिक इलाज
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अदरक (ginger juice) -
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यह खून को पतला करता है।
यह दर्द को प्राकृतिक तरीके से 90% तक कम करता हें।
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लहसुन (garlic juice)
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इसमें मौजूद allicin तत्व cholesterol व BP को कम करता है।
वह हार्ट ब्लॉकेज को खोलता है।
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नींबू (lemon juice)
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इसमें मौजूद antioxidants, vitamin C व potassium खून को साफ़ करते हैं।
ये रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाते हैं।
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एप्पल साइडर सिरका ( apple cider vinegar)
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इसमें 90 प्रकार के तत्व हैं जो शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हैं व थकान को मिटाते हैं।
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         इन देशी दवाओं को
       इस तरह उपयोग में लेवें
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1-एक कप नींबू का रस लें;
2-एक कप अदरक का रस लें;
3-एक कप लहसुन का रस लें;
4-एक कप एप्पल का सिरका लें;
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चारों को मिला कर धीमीं आंच पर गरम करें जब 3 कप रह जाए तो उसे ठण्डा कर लें;
अब आप
उसमें 3 कप शहद मिला लें
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रोज इस दवा के 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें जिससे
सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी।
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आप सभी से हाथ जोड़ कर विनती है कि इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें ताकि सभी इस दवा से अपना इलाज कर  सकें ; धन्यवाद् !
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     ऐसे में दिल के दौरे से बचने
            के लिए ये उपाय
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        आप सबसे निवेदन है
  चुटकले फोटो भेजने की बजाय
       यह सन्देश सबको भेजे
   ताकि लोगो की जान बच सके
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अपने घुटने कभी मत बदलिये
(डॉ राहुल जैन) naturopathy & acupressure) Jaipur 09460555101
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 50 साल के बाद धीरे धीरे शरीर के जोडो़ मे से लुब्रीकेन्टस एवं कैल्शियम बनना कम हो जाता है जिसके कारण जोड़ो का दर्द , गैप, कैल्शियम की कमी, वगैरह प्रोब्लेम्स सामने आती है, जिसके चलते आधुनिक चिकित्सा आपको जोइन्ट रिप्लेस करने की सलाह देते है ।
किंतु क्या आपको पता है जो चीज कुदरत ने हमे दी है वो आधुनिक विज्ञान नही बना सकता आप कृत्रिम जोइन्ट फिट करवा कर थोडे समय २-४ साल तक तो ठीक हो सकते है लेकिन बाद मे आपको बहुत ही तकलीफ होगी । जोइन्ट रिप्लेसमेंट का सटीक  इलाज आज मैं आपको बता रहा हूँ वो आप नोट कर लीजिये, आैर हाँ ऐसे हजारो जरुरत मंद लोगों तक पहुंचाए जो रिप्लेसमेंट के लाखों रुपये खचॅ करने मे असमर्थ  है ।
*बबूल* (देशी कीकर) नामके वृक्ष को आपने जरुर देखा होगा यह भारत में हर जगह बिना लगाये ही अपने आप ऊग जाता है । अगर यह बबूल नाम का वृक्ष अमेरिका या विदेशों  में इतनी मात्रा मे होता तो आज वही लोग इसकी दवाई बनाकर हमसे हजारो रुपये लुटते लेकिन भारत के लोगों को जो चीज़  मुफ्त में मिलती है उसकी कोई कदर नही है।
प्रयोग इस प्रकार करना है- *बबूल* के पेड़ पर जो *फली* लगती है उसको तोड़कर लाएँ  उसको सुखाकर पाउडर बनालें आैर *सुबह १ चम्मच* की मात्रा में गुनगुने पानी से खाने के बाद केवल 2-3 महीने सेवन करने से आपके घुटने का दर्द बिल्कुल ठीक हो जायेगा.आपको घुटने बदलने की जरुरत नहीं पड़ेगी

इस मैसेज को हर एक भारतीय एवं हर एक घुटने के दर्द से पीड़ित व्यक्ति तक पहुँचाए ।


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1 Comments

  1. Amazing.... keep up the great work... speed knowledge

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