अपने बच्चों को ये नसीहत दें l जो उन की ज़िंदगी मे हमेशां काम आए

इमाम वालों तुम अपने आपको और अपने घर वालों को उस आग से बचाओ जिसका इंधन इंसान और पत्थर है, (सुरह तहरीम आयत न:6)

(1)  *पहली नसीहत=* अपने बच्चों को अकीदे के बारे में बतायें की अल्लाह एक है उसका कोई शरीक नहीं है, वह अकेला है, हमें उसी की इबादत करनी चाहिए और किसी गैर शरीक नहीं करना चाहिए, क्योकि शिर्क करना बहुत बड़ा जुर्म है-
(2) *दुसरी नसीहत=* आप अपने बच्चों को करें की ऐ मेरे बच्चे अल्लाह ताअला हर छोटी बड़ी नेकी और उसी तरह हर छोटी बड़ी बुराई को खूब जानता है, लिहाजा अपने बच्चों को हमेशा नेकियों की तरफ तरगीब, और बुराइयों से डराते रहना चाहिए!!(सुरह  लुकमान आयत न:16)

(3) *तीसरी नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे तु हमेशा अपनी नमाज़ों का एहतमाम करना,जान बुझकर कभी भी नमाज़ मत छोड़ना- अच्छे कामों का हुक्म देते रहना, बुरे कामों से मना करना, और जो मुसीबत आ जाए उस पर सब्र करना (सुरह लुकमान आयत न:17)

(4) *चोथी नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे कभी भी लोगों को हकीर मत समझना, और उनसे अपना मुंह मत मोडना, और जमीन में इतराकर मत चलना, क्योकि अल्लाह तकब्बुर करने वालों को पसंद नहीं करता -और अपनी आवाज़ पस्त रखना, क्योकि आवाजों में सबसे बत्तर आवाज़ गधों की आवाज है-(सुरह लुकमान आयत न:18-19)

(5) *पांचवी नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे तुम अल्लाह के दीन की हिफाजत करना उसके अहकाम पर अमल करना और जिन कामों से उसने मना किया है उनसे बचना, इस तरह अल्लाह ताअला तुम्हारी हिफाज़त करेगा -

(6) *छठी नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे तुम अल्लाह ताअला की हुदुद से क्रोस ना करना, अल्लाह तुम्हारी मदद करेगा-

(7) *सातवीं नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे जब तुम्हे मांगना हो तो सिर्फ अल्लाह से मांगना, किसी और के सामने अपना हाथ ना फैलाना-

(8) *आठवीं नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे जब भी तुम्हे मदद की जरूरत हो तो सिर्फ अल्लाह से मदद तलब करना-

(9) *नौवीं नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे ये बात अच्छी तरह से जान लो की अगर दुनिया के तमाम लोग मिलकर तुम्हे फाइदा पहुंचाना चाहें तो वह तुम्हे इतना ही फायदा पहुंचा सकते हैं जितना अल्लाह ताअला ने तुम्हारे हक में लिख दिया है, और अगर सब मिलकर तुम्हे नुकसान पहुंचाना चाहें तो वह तुम्हे इतना ही नुकसान पहुंचा सकते हैं जितना अल्लाह ताअला ने तुम्हारे हक में लिख दिया है-

(10) *दसवीं नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे जब तुम खुशहाली के दिनों में अल्लाह को याद करोगे तो वह तुम्हे तंगहाली के दिनों में तुम्हारी मदद करेगा-

(11) *गयारवी नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे ये बात अच्छी तरह से जान लो की अल्लाह की मदद सब्र के साथ आती है और हर परेशानी के बाद खुशहाली यकीनी है-

(12) *बारहवीं नसीहत=* ऐ मेरे बच्चे हर तंगी के बाद अल्लाह ने आसानी रखी है-

*नोट:* ये 12 नसीहतें बच्चों और बड़ों सबके लिए अनमोल मोती है, लिहाजा हम सबको इन पर अमल करना चाहिए और खुसूसन अपने बच्चों को तो ये बातें याद करानी चाहिए ???

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