रिज़्क़ की तंगी की वजह
अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इरशाद फ़रमाया,
*जिस घर के दरवाजे रिश्तेदारों के लिए बंद हों और जिस घर में रात देर तक जागने और सुबह देर से उठने का रिवाज हो जाए तो वहाँ रिज़्क़ की तंगी और बे-बरकती को कोई नही रोक सकता है।* (सहीह मुस्लिम : 6574)
इस हदीस में घर में रिज़्क़ की तंगी होने और बरकत ख़त्म होने की 2 वजहें बताई गई हैं,
01. जब घर के दरवाज़े रिश्तेदारों के लिए बंद हो जाएं।
02. जब घर में देर रात तक जागने और सुबह देर से उठने का रिवाज हो जाए।
अब हम इन दोनों पॉइंट्स को ज़रा तफ़्सील के साथ समझने की कोशिश करते हैं।
इस्लाम में सिला-रहमी करने यानी रिश्तेदारों से अच्छे तअल्लुक़ बनाकर रखने को बहुत अहमियत दी गई है।
अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इरशाद फ़रमाया,
जो शख़्स यह चाहता है कि उसके रिज़्क़ में बढ़ोतरी हो और उसकी उम्र लंबी हो, तो उसे चाहिए कि वह अपने रिश्तेदारों के साथ अच्छा सुलूक करे, यानी सिला-रहमी करे। (सहीह बुखारी : 5985, सहीह मुस्लिम : 2557)
इस हदीस का मतलब यह है कि अगर कोई इंसान अपने रिश्तेदारों से रिश्ते तोड़ता है, तो अल्लाह उसके रिज़्क़ में तंगी डाल देता है। इसलिए तमाम मुस्लिमों की ज़िम्मेदारी है कि,
✅ रिश्तेदारों का हाल-चाल मालूम करते रहें।
✅ अगर कोई नाराज़ है, तो शिकवा ख़त्म कर लें।
✅ ग़रीब रिश्तेदारों की मदद करें।
अब हम सबसे ऊपर बयान की गई हदीस के दूसरे हिस्से को समझने की कोशिश करते हैं।
अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इरशाद फ़रमाया,
सुबह का वक़्त मेरी उम्मत के लिए बरकत वाला बनाया गया है। (सुनन तिर्मिज़ी : 1212)
नबी ﷺ ने फरमाया:
इशा के बाद बातों में ज़्यादा मशगूल मत रहो, बल्कि जल्दी सो जाओ और सुबह जल्दी उठो। (सहीह बुखारी : 568, सहीह मुस्लिम : 647)
सुबह देर तक सोये रहने से निम्नलिखित नुक़्सान होते हैं,
01. फ़ज्र की नमाज़ छूट जाती है।
02. रिज़्क़ में बरकत खत्म हो जाती है।
03. जिस्मानी और रूहानी ताक़त कमज़ोर हो जाती है।
इन सबसे बचने के लिये हर मुस्लिम की ज़िम्मेदारी है कि
✅ इशा के बाद जल्दी सोने की आदत डाले।
✅ सुबह जल्दी जागे और फज्र की नमाज़ अदा करे।
✅ फ़ज्र की नमाज़ के बाद अल्लाह का ज़िक्र करे।
सारांश :
अगर रिज़्क़ में तंगी हो और घर में बे-बरकती हो, तो हमें अपनी आदतों को देखना चाहिए। रिश्तेदारों से तअल्लुक़ जोड़कर रखें। सुबह जल्दी उठने और नमाज़ पढ़ने की आदत डालें। इसके अलावा हलाल कमाई को अपनाकर हम अल्लाह की रहमत और बरकत पा सकते हैं।
अल्लाह हमें नेक अमल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए, आमीन।
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