बरकत नही रही... अल्लाह बरकत दे ...
बरकत नही रही... अल्लाह बरकत दे ...बहुत बरकत है भाई ..अल्लाह आपकी उम्र में बरकत दे ...उफ़्फ़्फ़!! आखिर ये बरकत क्या चीज़ है फ़क़त ज़ुबान से निकला कोई रस्मी जुमला या फिर इसकी कोई हकीकत भी है चलिये आज बरकत के बारे में जानते हैं ताकि आगे से जब भी बरकत की बात आये तो ये महज़ एक रस्मी जुमला बनकर न रह जाए बल्कि हमे इसका पूरा कॉन्सेप्ट भी पता हो
सबसे पहले सवाल पैदा होता है आखिर बरकत है क्या?इसका सिम्पल सा जवाब ये है के बरकत को ब्यान नही महसूस किया जा सकता है जब आप आमदनी और खर्च के हिसाब किताब के चक्कर में पड़े बगैर बिना किसी टेंशन के अपना किचन चला रहें हो तो इसे बरकत कहते हैं फिर चाहे आपकी आमदनी एक लाख हो या एक हज़ार रूपये बरकत की सबसे बड़ी निशानी दिल का इत्मीनान होता है जो बड़े बड़े सेठों और करोड़पतियों को भी हासिल नही होता
अगर बरकत देखनी हो तो सख्त गर्मियों की दोपहर में सड़क खोद रहे किसी मज़दूर को खाने के वक्फे (लन्च टाइम) में देख लिया करें वो दिवार की ओट लेकर अपनी चादर फैलाकर बैठता है और अपना टिफिन खोलकर उसपर रोटी बिछा देता है फिर आचार की चन्द काशें निकालकर उसपे डाल देता है और बिस्मिल्लाह पड़कर निवाला तोड़ता है सच में इस कैफियत में जो करार और दिली इत्मीनान उसको महसूस हो रहा होता है वो किसी मोटी तोंद वाले लखपति सेठ को मैकडोनाल्ड और KFC के महंगे बर्गर खाकर भी नसीब नही होता
बरकत की एक सूरत ये भी है के अल्लाह आपको और आपके घर वालों को किसी बड़ी बिमारी या मुसीबत से महफूज़ रखता है इंसान अस्पताल या डाक्टरों के चक्करो से बचा रहता है यूं उसकी आमदनी पानी की तरह बह जाने से महफूज़ रह जाती है बरकत की एक सूरत ये भी है के आपकी बीबी क़नाअत पसन्द और शुक्रगुज़ार है वो थोड़े पर राज़ी हो जाती है कपड़ों मेकअप और दूसरी फरमाइशें करके आपकी जेब पर बोझ नही बनती इस तरह वो आपको दिली सुकून के साथ साथ माली मुश्किलों से भी सुकून देती है
बरकत की एक सूरत ये भी है के अल्लाह ने आपको नेक और शुक्रगुजार औलाद अता फरमाई है वो अपने दोस्तों की देखा देखि आये दिन आपसे नए मोबाईल बाइक और कपड़े जूते वगैरह की डिमांड नही करती बल्कि जो आपने जब जरूरी समझा दिलवा दिया उसी पर राज़ी रहती है और शुक्र का मुज़ाहिरा करती है
बरकत का सम्बन्ध फिज़िकल थिंग्स (भौतिक चीज़ों, माद्दी ज़राये ) के बरअक्स अल्लाह की गैबी इमदाद से है ऐसी गैबी इमदाद जो न सिर्फ आपको दिली इत्मीनान का सुरूर दे बल्कि आपकी ज़रूरते भी आपकी आमदनी के अंदर अंदर पूरी हो जायें
ये तो थी माल और आमदनी में बरकत इसी तरह वक्त और ज़िन्दगी में बरकत होती है वक्त में बरकत ये है के आप कम वक्त में ज़्यादा और निर्णायक काम करें आपका वक्त इधर उधर फ़ुज़ूल में खराब न हो इसी तरह उम्र में बरकत ये है की आपकी ज़िन्दगी बुरे कामो में खर्च न हो रही हो बल्कि अच्छे कामो में खर्च हो रही हो
कम खाना ज़्यादा लोगों के लिए पूरा हो जाना भी बरकत है कम मेहनत का फल ज़्यादा आमदनी या पैदावार के रूप में मिलना भी बरकत है
यूँ समझिये बरकत अल्लाह की तरफ से अपने बन्दे पर "टिप" है जो दस रूपये भी हो सकते हैं दस हज़ार भी दस लाख भी
बरकत हासिल करने का सबसे आसान तरीका सदका करना है या किसी यतीम की किफालत करना है
अपने खानदान आसपड़ोस या मुहल्ले बस्ती में किसी यतीम को अपना बेटा या बेटी बनालें और उसकी किफालत अपनी सगी औलाद की तरह करें फिर देखें आपके घर बरकत कैसे छप्पर फाड़ कर आती है
भूल जाएँ की जिस घर में लोग दिन चढे तक सोते रहते हैं वहां कभी बरकत आएगी क्योंकि अल्लाह के नबी सल्ल का इरशाद है मेरी उम्मत के लिए दिन के अव्वलीन हिस्से (सुबह सादिक के खत्म होते ही फज्र के खत्म वक्त तक) में बरकत रख दी गई है
इसी तरह कुत्ता पालने का शौक तस्वीरों और म्युज़िक बजाने से बरकत उठती जाती है इसके अलावा लिबास जिस्म की पाकी और हलाल कमाई बरकत की पहली शर्त है कोई शख्स अगर सूदी कारोबार में लिप्त हो या कपडे और जिस्म नापाक रखता हो फिर भी बरकत का उम्मीदवार हो ऐसे शख्स पर हैरान ही हुआ जा सकता है
सबसे पहले सवाल पैदा होता है आखिर बरकत है क्या?इसका सिम्पल सा जवाब ये है के बरकत को ब्यान नही महसूस किया जा सकता है जब आप आमदनी और खर्च के हिसाब किताब के चक्कर में पड़े बगैर बिना किसी टेंशन के अपना किचन चला रहें हो तो इसे बरकत कहते हैं फिर चाहे आपकी आमदनी एक लाख हो या एक हज़ार रूपये बरकत की सबसे बड़ी निशानी दिल का इत्मीनान होता है जो बड़े बड़े सेठों और करोड़पतियों को भी हासिल नही होता
अगर बरकत देखनी हो तो सख्त गर्मियों की दोपहर में सड़क खोद रहे किसी मज़दूर को खाने के वक्फे (लन्च टाइम) में देख लिया करें वो दिवार की ओट लेकर अपनी चादर फैलाकर बैठता है और अपना टिफिन खोलकर उसपर रोटी बिछा देता है फिर आचार की चन्द काशें निकालकर उसपे डाल देता है और बिस्मिल्लाह पड़कर निवाला तोड़ता है सच में इस कैफियत में जो करार और दिली इत्मीनान उसको महसूस हो रहा होता है वो किसी मोटी तोंद वाले लखपति सेठ को मैकडोनाल्ड और KFC के महंगे बर्गर खाकर भी नसीब नही होता
बरकत की एक सूरत ये भी है के अल्लाह आपको और आपके घर वालों को किसी बड़ी बिमारी या मुसीबत से महफूज़ रखता है इंसान अस्पताल या डाक्टरों के चक्करो से बचा रहता है यूं उसकी आमदनी पानी की तरह बह जाने से महफूज़ रह जाती है बरकत की एक सूरत ये भी है के आपकी बीबी क़नाअत पसन्द और शुक्रगुज़ार है वो थोड़े पर राज़ी हो जाती है कपड़ों मेकअप और दूसरी फरमाइशें करके आपकी जेब पर बोझ नही बनती इस तरह वो आपको दिली सुकून के साथ साथ माली मुश्किलों से भी सुकून देती है
बरकत की एक सूरत ये भी है के अल्लाह ने आपको नेक और शुक्रगुजार औलाद अता फरमाई है वो अपने दोस्तों की देखा देखि आये दिन आपसे नए मोबाईल बाइक और कपड़े जूते वगैरह की डिमांड नही करती बल्कि जो आपने जब जरूरी समझा दिलवा दिया उसी पर राज़ी रहती है और शुक्र का मुज़ाहिरा करती है
बरकत का सम्बन्ध फिज़िकल थिंग्स (भौतिक चीज़ों, माद्दी ज़राये ) के बरअक्स अल्लाह की गैबी इमदाद से है ऐसी गैबी इमदाद जो न सिर्फ आपको दिली इत्मीनान का सुरूर दे बल्कि आपकी ज़रूरते भी आपकी आमदनी के अंदर अंदर पूरी हो जायें
ये तो थी माल और आमदनी में बरकत इसी तरह वक्त और ज़िन्दगी में बरकत होती है वक्त में बरकत ये है के आप कम वक्त में ज़्यादा और निर्णायक काम करें आपका वक्त इधर उधर फ़ुज़ूल में खराब न हो इसी तरह उम्र में बरकत ये है की आपकी ज़िन्दगी बुरे कामो में खर्च न हो रही हो बल्कि अच्छे कामो में खर्च हो रही हो
कम खाना ज़्यादा लोगों के लिए पूरा हो जाना भी बरकत है कम मेहनत का फल ज़्यादा आमदनी या पैदावार के रूप में मिलना भी बरकत है
यूँ समझिये बरकत अल्लाह की तरफ से अपने बन्दे पर "टिप" है जो दस रूपये भी हो सकते हैं दस हज़ार भी दस लाख भी
बरकत हासिल करने का सबसे आसान तरीका सदका करना है या किसी यतीम की किफालत करना है
अपने खानदान आसपड़ोस या मुहल्ले बस्ती में किसी यतीम को अपना बेटा या बेटी बनालें और उसकी किफालत अपनी सगी औलाद की तरह करें फिर देखें आपके घर बरकत कैसे छप्पर फाड़ कर आती है
भूल जाएँ की जिस घर में लोग दिन चढे तक सोते रहते हैं वहां कभी बरकत आएगी क्योंकि अल्लाह के नबी सल्ल का इरशाद है मेरी उम्मत के लिए दिन के अव्वलीन हिस्से (सुबह सादिक के खत्म होते ही फज्र के खत्म वक्त तक) में बरकत रख दी गई है
इसी तरह कुत्ता पालने का शौक तस्वीरों और म्युज़िक बजाने से बरकत उठती जाती है इसके अलावा लिबास जिस्म की पाकी और हलाल कमाई बरकत की पहली शर्त है कोई शख्स अगर सूदी कारोबार में लिप्त हो या कपडे और जिस्म नापाक रखता हो फिर भी बरकत का उम्मीदवार हो ऐसे शख्स पर हैरान ही हुआ जा सकता है
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