777888999 वाले नंबर का सच क्या है
इस मैसेज को पढ़ने वाले लोगों दहशत में हैं. इस मैसेज को हर भाषा में शेयर किया जा रहा है कन्नड़, गुजराती और बंगाली. आमतौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता.
आमतौर पर मोबाइल नंबर 10 अंकों का होता है, लेकिन मौत की घंटी बजाने वाला ये नंबर 9 अंको का है इसलिए लोग और भी डर रहे हैं. लोगों के बीच इस डर को मिटाने के लिए और सच जानने के लिए हमने वायरल मैसेज की पड़ताल शुरू की.
सच जानने के लिए हम साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल के पास पहुंचे. हमने सबसे पहला सवाल उनसे पूछा कि क्या नौ अंकों वाला मोबाइल नंबर होता है. इस सवाल के जवाब में एक्सपर्ट ने हमें बताया कि भारत में अभी तक 9 अंको वाला मोबाइल नंबर नहीं आया है. विदेश में ऐसा है लेकिन अगर विदेश के भी किसी नंबर से आपको कॉल आता है तो आपके मोबाइल स्क्रीन पर नंबर के साथ उस देश का 2 अंको वाला कोड भी जरूर दिखाई देगा.
मिसाल के तौर पर अगर आपके पास पाकिस्तान से फोन आएगा तो नंबर के आगे +92 लिखा हुआ होगा. अब सवाल ये उठता है कि जब भारत में 9 अंकों वाला मोबाइल नंबर नहीं है तो 777888999 वाले नंबर का सच क्या है.
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने एबीपी न्यूज़ से बताया, ‘ये मैसेज बेबुनियाद है, लोगों को गुमराह करने की कोशिश है. तकनीक विकसित हो रही है लेकिन अभी ऐसी कोई तकनीक मेनस्ट्रीम में नहीं आयी है जिससे एक नम्बर से दूसरे नम्बर पर फ़ोन करने ब्लास्ट किया जा सके. इस तरह के विध्वंसकारी तकनीक पर शोध चल रहा है, लेकिन अभी इस तरह की कोई चीज़ कमर्शियल मेनस्ट्रीम में नहीं आई है.’
मतलब ये साफ है कि अब तक ऐसी कोई तकनीक नहीं आयी है जिससे आपके नंबर पर कॉल कर के आपके मोबाइल फ़ोन को ब्लास्ट किया जा सके. लेकिन आपके लिए ये मैसेज एक सीख भी है कि ‘सोशल मीडिया में जो भी देखें उस पर भरोसा ना करें. इस तरह के मैसेज पढ़ते ही उसे तुरंत डिलीट कर देना चाहिए और उसे आँखे मूँद कर शेयर नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे मैसेज शेयर करना भी भारी पढ सकता है.’
पड़ताल में सामने आया है कि ये लोगों को डराने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाई गई मनगंढ़ंत कहानी है. हमारी पड़ताल में वायरल हो रहा डेथ कॉल वाला नौ डिजिट का मोबाइल नंबर झूठा साबित हुआ है.
दोस्तो आप से विनंती की जा रही है की कभी भी किसी मैसेज की सच्चाई जाने बिना किसी दूसरे को फोरवँड ना करे
आमतौर पर मोबाइल नंबर 10 अंकों का होता है, लेकिन मौत की घंटी बजाने वाला ये नंबर 9 अंको का है इसलिए लोग और भी डर रहे हैं. लोगों के बीच इस डर को मिटाने के लिए और सच जानने के लिए हमने वायरल मैसेज की पड़ताल शुरू की.
सच जानने के लिए हम साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल के पास पहुंचे. हमने सबसे पहला सवाल उनसे पूछा कि क्या नौ अंकों वाला मोबाइल नंबर होता है. इस सवाल के जवाब में एक्सपर्ट ने हमें बताया कि भारत में अभी तक 9 अंको वाला मोबाइल नंबर नहीं आया है. विदेश में ऐसा है लेकिन अगर विदेश के भी किसी नंबर से आपको कॉल आता है तो आपके मोबाइल स्क्रीन पर नंबर के साथ उस देश का 2 अंको वाला कोड भी जरूर दिखाई देगा.
मिसाल के तौर पर अगर आपके पास पाकिस्तान से फोन आएगा तो नंबर के आगे +92 लिखा हुआ होगा. अब सवाल ये उठता है कि जब भारत में 9 अंकों वाला मोबाइल नंबर नहीं है तो 777888999 वाले नंबर का सच क्या है.
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने एबीपी न्यूज़ से बताया, ‘ये मैसेज बेबुनियाद है, लोगों को गुमराह करने की कोशिश है. तकनीक विकसित हो रही है लेकिन अभी ऐसी कोई तकनीक मेनस्ट्रीम में नहीं आयी है जिससे एक नम्बर से दूसरे नम्बर पर फ़ोन करने ब्लास्ट किया जा सके. इस तरह के विध्वंसकारी तकनीक पर शोध चल रहा है, लेकिन अभी इस तरह की कोई चीज़ कमर्शियल मेनस्ट्रीम में नहीं आई है.’
मतलब ये साफ है कि अब तक ऐसी कोई तकनीक नहीं आयी है जिससे आपके नंबर पर कॉल कर के आपके मोबाइल फ़ोन को ब्लास्ट किया जा सके. लेकिन आपके लिए ये मैसेज एक सीख भी है कि ‘सोशल मीडिया में जो भी देखें उस पर भरोसा ना करें. इस तरह के मैसेज पढ़ते ही उसे तुरंत डिलीट कर देना चाहिए और उसे आँखे मूँद कर शेयर नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे मैसेज शेयर करना भी भारी पढ सकता है.’
पड़ताल में सामने आया है कि ये लोगों को डराने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाई गई मनगंढ़ंत कहानी है. हमारी पड़ताल में वायरल हो रहा डेथ कॉल वाला नौ डिजिट का मोबाइल नंबर झूठा साबित हुआ है.
दोस्तो आप से विनंती की जा रही है की कभी भी किसी मैसेज की सच्चाई जाने बिना किसी दूसरे को फोरवँड ना करे
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