Posts

Showing posts from April, 2020

इस लॉक_डाउन के दौरान की एक सच्ची कहानी

Image
*(इस लॉक_डाउन के दौरान की एक सच्ची कहानी)* सात अप्रैल की रात एक साहब के निशानदेही पर एक सफ़ेद पोश खानदान को राशन देने के बाद, जब घर लौटने के लिए चौक से गुज़रा, तो हर तरफ अंधेरे और घटाटोप का राज था। ऐसे अँधेरे में एक धीमी सी आवाज़ आई! " #भाई_मदद " मैं ये सोचकर नज़रअंदाज़ करना चाहा कि एक पेशेवर गदागर होगा, लेकिन दिल में ख़्याल आया कि अगर एक पेशेवर होता तो इस वक्त अंधेरे में यूँ खड़ा नहीं होता, गाड़ी रोक कर पास गया और देखा! अंधेरे में एक आदमी मुंह पर हाथ रखे खड़ा है। "जी भाई! कैसी मदद चाहिए? और अंधेरे में यूँ मुंह ढँके क्यों खड़े हो? अपना हाथ हटाइये।" मेरे कहने पर उसने अपने हाथ चेहरे से हटा लिए। अल्लाह की पनाह…!  उस शख्स के गाल आंसुओं से भरे हुए थे और घुटी घुटी आवाज में रो रहा था, दोनों हाथों को अपने गालों से हटाकर माफी माँगने के अंदाज में हाथ जोड़कर खड़ा हो गया और अपना सिर नीचे झुका लिया।  मैं इस अंधेरे में भी उसके आंसूओं को थोड़ा टपकता देख सकता था, और अंदर ही अंदर कुछ टूटता हुआ महसूस होने लगा, आगे बढ़ा और दुबारा हमदर्दी से पूछा।  "भाई, कुछ तो कहिए .....

दुआ-ए-रीम (दुल्हन को नसीहत/दुल्हन की बगावत)

दुआ-ए-रीम : अगर आप ने शोएब मंसूर की लिखी ये ग़ज़ल न पढ़ी तो समझिए आप ने कुछ नही पढ़ा *दुल्हन को नसीहत* लब पे आवे है दुआ बनके तमन्ना मेरी ज़िंदगी अम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी मेरा ईमां हो शौहर की इताअत करना उन की सूरत की न सीरत की शिकायत करना घर में गर उन के भटकने से अंधेरा हो जावे नेकियां मेरी चमकने से उजाला हो जावे धमकियां दे तो तसल्ली हो के थप्पड़ न पड़ा पड़े थप्पड़ तो करूं शुक्र के जूता न हुआ हो मेरा काम नसीबों की मलामत करना बीवियों को नहीं भावे है बगावत करना मेरे अल्लाह लड़ाई से बचाना मुझको मुस्कुराना गालियां खा के सिखाना मुझको *दुल्हन की बगावत* लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी घर तो उनका हो हुकूमत हो खुदाया मेरी मैं अगर बत्ती बुझाऊं के अंधेरा हो जाए मैं ही बत्ती को जलाऊं के उजाला हो जाए मेरा ईमान हो शौहर से मुहब्बत करना न इताअत न गुलामी न इबादत करना न करूं मैयके में आकर मैं शिकायत उनकी करनी आती हो मुझे खुद ही मरम्मत उनकी आदमी तो उन्हें तूने है बनाया या रब मुझको सिखला उन्हें इंसान बनाना या रब घर में गर उनके भटकने से अंधेरा हो जाए भाड़ में झोंकू उनको...