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Showing posts from August, 2017

आपका दूध वाला बच्चा, जो आज डॉक्टर है। (दूध की क़ीमत!)

दूध की क़ीमत! यह कहानी है एक बेसहारा बच्चे की जो अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए कोलकाता की गली-गलियारों में घूमता और घर-घर ढेर लगाकर छोटी-मोटी चीज़े बेचता रेहता था ।  एक दिन तेज गर्मी के मारे भूखा-प्यासा वह एक पेड़ के नीचे ठहर गया। अब एक कदम भी आगे चलना उसके लिए मुश्किल था। भूख मिटाने के लिए जेब में पैसे भी नही थे उस के पास। लाचार बच्चे ने सोचा की अगर जीना है तो अगले घर से रोटी माँगकर खानी होगी। ऐसा सोच कर उसने एक घर के दरवाज़े पर दस्तक दी। अनजान औरत ने दरवाज़ा खोला और पूछा “क्या है ?” उस औरत को सामने देखकर भूख से जूझ रहे बच्चे का उम्मिद जाग उठी। उसने रोटी मांगने की बजाय सिर्फ प्यास बुझाने के लिए एक गिलास पानी माँगा। भूखे-प्यासे बच्चे की हालत को देख कर वो औरत घर के अंदर जाकर गयी और बच्चे को पीने के गलास के बदले एक गिलास दूध दे दिया। हैरान बच्चे ने उस रहम दिल औरत का चेहरा देखा और बिना कुछ कहे धीरे-धीरे दूध पी लिया। उसकी आँखों में एहतेराम (आदर) और अहसान करने की सलाहियत मन मे उत्तर आई थी। उसने नेकी (विनम्रता) से उस औरत से सवाल किया- “मैं इस दूध की क़ीमत कैसे चूका पाउँगा।” बच्चे की बात सु...

شوہر کے گھر والوں کا احترام نہ کرنے والی عورت کا علاج

★ *شوہر کے گھر والوں کا احترام نہ کرنے والی عورت کا علاج* ایک روز شوہر نے پرسکون ماحول میں اپنی بیوی سے کہا : بہت دن گزر گئے ہیں میں نے اپنے گھر والوں بہن بھائیوں اور ان کے بچوں سے ملاقات نہیں کی ہے۔ میں ان سب کو گھر پر جمع ہونے کی دعوت دے رہا ہوں اس لیے براہ مہربانی تم کل دوپہر اچھا سا کھانا تیار کر لینا۔ بیوی نے گول مول انداز سے کہا : ان شاء اللہ خیر کا معاملہ ہو گا۔ شوہر بولا : تو پھر میں اپنے گھر والوں کو دعوت دے دوں گا۔ اگلی صبح شوہر اپنے کام پر چلا گیا اور دوپہر ایک بجے  گهر واپس آیا۔ اس نے بیوی سے پوچھا : کیا تم نے کھانا تیار کر لیا ؟ میرے گھر والے ایک گھنٹے بعد آ جائیں گے ! بیوی نے کہا : نہیں میں نے ابھی نہیں پکایا کیوں کہ تمہارے گھر والے کوئی انجان لوگ تو ہیں نہیں لہذا جو کچھ گھر میں موجود ہے وہ ہی کھا لیں گے۔ شوہر بولا : اللہ تم کو ہدایت دے ... تم نے مجھے کل ہی کیوں نہ بتایا کہ کھانا نہیں تیار کرو گی ، وہ لوگ ایک گھنٹے بعد پہنچ جائیں گے پھر میں کیا کروں گا۔ بیوی نے کہا : ان کو فون کر کے معذرت کر لو ۔۔۔ اس میں ایسی کیا بات ہے وہ لوگ کوئی غیر تو نہیں آخر تمہارے گھ...

पानी में हल्दी मिलाकर पीने से होते है यह फायदें......

पानी में हल्दी मिलाकर पीने से होते है यह फायदें...... 1. गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है. सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है. 2. रोज यदि आप हल्दी का पानी पीते हैं तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती है और खून जमता भी नहीं है. यह खून साफ करता है और दिल को बीमारियों से भी बचाता है. 3. लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है. हल्दी के पानी में टाॅक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है. हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं. 4. हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए. हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है. जिससे हर्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है. 5. जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है जिससे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ता है. हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौर्दय को बढ़ाते हैं. 6. शरीर में किसी भी तरह की सजून हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही ...

How to Enter in Asus E402S Laptop Bios

If you can't Enter the system, please try to press and hold the Power button about 5~8 seconds until the Notebook is shut down. Press and hold the F2 button , then click the power button. DO NOT RELEASE the F2 button until the BIOS screen display You can refer to the video https://www.youtube.com/watch?v=NbnPWhI4xis&feature=youtu.be

अखबार क्या है

अखबार अखबार कागज का बना होता है, बाकी दुनिया में इसे पढ़ा जाता है हमारे यहां देखा जाता है या फिर फाड़ दिया जाता है। अखबार में Advertisement के अलावा यूं ही जानकारी जनता के लिए या फिर थोडे बहोत समाचार भी डाल दिए जाते हैं, इन खबरों में सबसे 'एन ने प्रधानमंत्री के साथ खेतों में अ दाग दिया' 'वाली समाचार खबरें पढ़ी जाती हैं, अखबारों में कॉलम छपते हैं कॉलम वाला मुख्य सबसे अहम माना जाता है क्योंकि यह पढ़ना नहीं पड़ता, वक़त बच जाता है, औरतों की तरह अखबार भी सबसे अहम खबर शीर्षक केहलाती है लेकिन इस पन्नों से किसी मर्दों को कोई खास फायदा नहीं होता इसलिए मर्द उस पर दूसरी नज़र डालना पसंद नहीं करते, अखबार अलग अलग तरीकों से इस्तेमाल किए जाते है, जैसे किसी ने फोन पर नंबर लिखवाया, डायरी नहीं मिल रही तो समझो अखबार का कोना हाज़िर है के किसी कोना आती है या होटल आदि रोटी लाना और चखाबी में बिछाने के लिए कपड़े नहीं मिल रहा तो अखबार यहाँ भी दिल व जान से आती है सर्दियों में उसे आग लगाकर पके सकता है गर्मियों में यह मरोड़ कर डंडा बनाकर मक्खियां उड़ाई जा सकती हैं (शादी के शुरू के दिनों में नई नवेली प...

اخبارات

اخبارات 📰 *اخبار* کاغذ کا بنا ہوتا ہے، باقی دنیا میں اسے پڑھا جاتا ہے ہمارے ہاں دیکھا جاتا ہے یا پھر پھاڑ دیا جاتا ہے۔ اخبار میں اشتہارات کے علاوہ یونہی معلومات عامہ کے لئے تھوڑی بہت خبریں بھی ڈال دی جاتی ہیں، ان خبروں میں سب سے زیادہ ’’ن نے ش کے ساتھ کھیتوں میں ع غ کردیا‘‘ والی خبریں پڑھی جاتی ہیں، اخبارات میں کالم چھپتے ہیں کالموں والا صفحہ سب سے اہم سمجھا جاتا ہے کیونکہ یہ پڑھنا نہیں پڑتا، وقت بچ جاتا ہے، عورت کی طرح اخبار کی بھی سب سے اہم خبر سُرخی کہلاتی ہے لیکن اس سُرخی کا مَردوں کو کوئی خاص فائدہ نہیں ہوتا اس لیے مرد اس پر دوسری نظر ڈالنا پسند نہیں کرتے، اخبار کو مختلف طریقوں سے استعمال کیا جاتا ہے، مثلاً کسی نے فون پر نمبر لکھوایا، ڈائری نہیں مل رہی تو اخبار کا کونہ حاضر ہے یا ہوٹل وغیرہ سے روٹی لے آئے اور چھابی میں بچھانے کے لئے کپڑا نہیں مل رہا تو اخبار یہاں بھی دل وجان سے حاضر ہے سردیوں میں اسے آگ لگا کر سینکا جاسکتا ہے گرمیوں میں اسے مروڑ کر ڈنڈا بنا کر مکھیاں اڑائی جا سکتی ہیں (شادی کے شروع کے دنوں میں نئی نویلی بیویاں بھی اس اخباری ڈنڈے سے اپنے شوہروں کی پیار بھری ...

शादी शुदा मर्दों को एक अज़ीम नसीहत

*शादी_शुदा_मर्दों_को_एक_अज़ीम_नसीहत* इमाम अहमद बिन हम्बल ने अपने बेटे को शादीशुदा ज़िंदगी गुज़ारने के लिए दस अहम नसीहतें दी हैं। हर शादीशुदा मर्द को चाहिए कि वह इनको ग़ौर से पढ़े और अपनी ज़िंदगी में अमली तौर पर अख़्तियार करे। "मेरे बेटे, तुम घर का सुकून हासिल नहीं कर सकते जब तक कि अपनी बीवी के मामले में इन दस आदतों को न अपना लो। लिहाज़ा इनको ग़ौर से सुनो और अमल का इरादा करो। *पहली दो* तो यह कि औरतें तुम्हारी तवज्जो चाहती हैं, और चाहती हैं कि तुम उनसे साफ अलफाज़ में मुहब्बत का इज़हार करते रहो लिहाज़ा वक़्त वक़्त पर अपनी बीवी को अपनी मुहब्बत का एहसास दिलाते रहो और साफ अलफाज़ में उसको बताओ कि वह तुम्हारे लिए किस क़दर अहम और महबूब है, इस गुमान में न रहो कि वह ख़ुद समझ जाएगी। रिश्तों को इज़हार की ज़रूरत हमेशा रहती है। याद रखो, अगर तुमने इस इज़हार पर कंजूसी से काम लिया तो तुम दोनों के दरमियान एक तल्ख़ दरार आ जाएगी जो वक़्त के साथ साथ बढ़ती रहेगी और मुहब्बत को ख़त्म कर देगी। *तीसरी* - औरतों को सख़्त मिजाज़ और ज़रूरत से ज़्यादा तेज़ मरदों से नफ़रत होती है, लेकिन वो नरम मिजाज़ ...

एक पिता अपनी बेटी के सर पर हाथ रख कर बोला

एक पिता अपनी बेटी के सर पर हाथ रख कर बोला मैं तेरे लिए ऐसा पति (शोहर) खोज कर लाऊंगा जो तुझे बहुत प्यार करे जो तेरी भवनाओं का सम्मान करे और जो तेरे दुख सुख को समझ सके, जो तेरी आँखो में आँसू न आने दे तेरी हर छोटी छोटी ख्वाइशों को पूरा कर सके। बेटी ने पूछा : क्यो पापा ? पिता बोला : बेटा हर बाप का सपना होता है की उसकी बेटी को राजकुमार जैसा पति(शोहर) मिले जो उसे बहुत प्यार दे और उसे हमेशा सुखी रखे। बेटी ने कहा :-तो पापा नाना जी ने भी आपको मम्मी का हाथ यही सोचकर दिया होगा न की आप भी राजकुमार हो। फिर आप मम्मी को हमेशा क्यो रुलाते रहते हो ? कहीं बाहर भी नही ले जाते और प्यार भी नही करते और हमेशा चिल्लाते रहते हो तो क्या आप अच्छे वाले राजकुमार नही निकले ? ये सुन कर पिता को एहसास हुआ की मुझे भी किसी ने राजकुमार समझ कर अपने कलेजे का टुकड़ा दिया और मैं खुद तो राजकुमार बना रहा पर अपनी पत्नी को कभी राजकुमारी नही समझा। आज खुद बाप बनने के बाद एहसास हुआ की अपने दिल के टुकड़े को सही हाथ मे नही सौपा तो उसके दिल के टुकड़े हो हो जायेंगे जो कोई भी बाप नही सहेगा। इसलिए जैसा आप ...

घर मे कोई नही है,मेरी बूढ़ी माँ बीमार है

एक छोटा सा बोर्ड रेहड़ी की छत से लटक रहा था,उस पर मोटे मारकर से लिखा हुआ था.....!! "घर मे कोई नही है,मेरी बूढ़ी माँ बीमार है,मुझे थोड़ी थोड़ी देर में उन्हें खाना,दवा और हाजत कराने के लिए घर जाना पड़ता है,अगर आपको जल्दी है तो अपनी मर्ज़ी से फल तौल ले और पैसे कोने पर गत्ते के नीचे रख दें,साथ ही रेट भी लिखे हुये हैं" और अगर आपके पास पैसे नही हो तो मेरी तरफ से ले लेना,इजाजत है..!! मैंने इधर उधर देखा,पास पड़े तराजू में दो किलो सेब तोले,दर्जन भर केले लिए,बैग में डाले,प्राइज लिस्ट से कीमत देखी,पैसे निकाल कर गत्ते को उठाया वहाँ सौ पच्चास और दस दस के नोट पड़े थे,मैंने भी पैसे उसमे रख कर उसे ढक दिया।बैग उठाया और अपने फ्लैट पे आ गया,इफ्तार के बाद मैं और भाई उधर निकले तो देखा एक कमज़ोर सा आदमी,दाढ़ी आधी काली आधी सफेद,मैले से कुर्ते पजामे में रेहड़ी को धक्का लगा कर बस जाने ही वाला था ,वो हमें देख कर मुस्कुराया और बोला "साहब! फल तो खत्म हो गए नाम पूछा तो बोला  अरसद हुसैन फिर हम सामने वाले ढाबे पर बैठ गए... चाय आयी,कहने लगा "पिछले तीन साल से अम्मा बिस्तर पर हैं,कुछ पागल सी भी हो गईं ह...